Jharkhand:पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को झटका,सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी जमानत..

राँची।राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते एक फरवरी को सुनवाई के बाद उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। योगेंद्र साव पर कफन आंदोलन के तहत लोगों को गुमराह कर भड़काने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप है। वर्ष 2016 में हजारीबाग के बड़कागांव के चिरिडीह में योगेंद्र साव ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था। आंदोलन के दौरान भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में पुलिस ने योगेंद्र साव पर प्राथमिकी दर्ज की थी।जांच के बाद योगेंद्र साव पर आरोप लगा है कि अपने बेटे की कंपनी को 30 प्रतिशत त्रिवेणी सैनिक माइनिंग से काम दिलाना चाहते थे। दबाव बनाने के लिए पब्लिक हितों को आगे कर पूर्व विधायक निर्मला देवी, योगेंद्र साव ने 15 सितंबर 2016 को कफन सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। एक अक्तूबर 2016 को धरनास्थल से निर्मला देवी की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर उन्हें छुड़ा लिया।

शर्तों का उल्लंघन करने पर पहले भी जमानत रद्द हुई थी:

मामले में पहले योगेंद्र साव को जमानत मिली थी, लेकिन जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर सुप्रीम कोर्ट ने बाद में जमानत रद्द कर दी थी। दोबारा भी योगेंद्र साव ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने याचिका रद्द कर ट्रायल जल्द पूरी करने का निर्देश दिया था। बीते दिन को तीसरी बार भी योगेंद्र साव की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।

योगेंद्र साव पर दर्जनों केस दर्ज है:

बता दें पूर्व मंत्री पर दर्जनों केस दर्ज है अलग अलग कांड संख्या मे मामले दर्ज है।

बड़का गांव थाना कांड संख्या
(1).158/ 2010
(2).167/15
(3).122/16
(4).123/16
(5).225/ 16
(7).226/ 16
(8).228 /16
(9).उरिमारी थाना कांड सं. 76/ 17 (10).बड़कागांव थाना कांड सं. 167/ 18
(11).टंडवा थाना कांड संख्या 90/15
(12).91/15
(13).92 / 15
(14).93 /15 तथा
(15)97 / 15 है ।
(16)बडकागांव थाना कांड सं 135/16
(17).136/16
(19).39/19
(20).212/16
(21).213/16
(22).214/16
(23).65/18
(24).141/18
(25).157/18
(26).केरेडारी थाना कांड सं 37/18 है ।