वायुसेना के हेलीकॉप्टर से मतदानकर्मियों को लेकर गए पायलट हड़बड़ी में गड़बड़ी कर गए,रास्ता भटक कर दूसरे राज्य पहुंच गए..

Palamu / Latehar: पलामू प्रमंडल के लातेहार जिले से नक्सल प्रभावित इलाकों में बनाये गये मतदान केन्द्रों पर चुनावकर्मियों को छोड़ने गया हेलिकॉप्टर भटक गया. हेलिकॉप्टर भटकते हुए छतीसगढ़ के इलाके में पहुंच गया. सारे कर्मियों को वहां मैदान में उतार कर वहां से उड़ाने भर लिया.
जब कर्मियों को पता चला कि वे झारखंड में नहीं हैं, बल्कि भट कर छतीसगढ़ पहुंच गये हैं तो उनके होश उड़ गये. आनन-फानन में उन्होंने इसकी जानकारी छतीसगढ़ प्रशासन को दी. बाद में लातेहार से दोबारा हेलिकॉप्टर भेज कर सभी कर्मियों को सुरक्षित लाया गया।

125 बूथों पर अलग-अलग तीन हेलिकॉप्टर से रवाना हुए थे मतदानकर्मी

दरअसल, गुरुवार को लातेहार जिले से मतदान सामग्री के साथ तीन अलग-अलग हेलिकॉप्टर से अति संवेदनशील 125 पोलिंग बूथों पर चुनाव कर्मियों को भेजा गया था. लेकिन मनिका विधानसभा क्षेत्र के चटकपुर महुआडांड़ इलाके के लिए रवाना किया गया हेलिकॉप्टर भट कर छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर भैंसामुंडा स्थिति सत्तीपारा के खुले मैदान पर उतार गया. इससे 8 पोलिंग पार्टी के 18 कर्मियों में अफरा-तफरी मच गयी.
पोलिंग पार्टी को जब पता चला कि वे झारखंड के अपने पोलिंग सेंटर को छोड़ छत्तीसगढ़ इलाके में उतर गये हैं तो आनन-फानन में इसकी जानकारी सूरजपुर कलेक्टर दीपक सोनी को दी गयी।
कलेक्टर ने तत्काल राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी दी. इसकी जानकारी झारखंड राज्य के निर्वाचन आयोग तक पहुंचायी गयी. बाद में दूसरे हेलिकॉप्टर से सभी कर्मियों को वापस झारखंड लाकर सही जगह पहुंचाया गया.
कर्मियों ने बताया कि हेलिकॉप्टर लैंड होने के बाद पायलट ने सभी 18 मतदान कर्मचारियों को नीचे उतरने कहा और खुद हेलिकॉप्टर लेकर रवाना हो गया. जब उन्होंने आसपास के ग्रामीणों से जानकारी ली तो पता चला वे झारखंड में नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में आ पहुंचे हैं।

एलआर में हड़बड़ी के कारण ऐसा हुआः डीसी

लातेहार के डीसी जिशान कमर ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही दूसरा हेलिकॉप्टर भेज कर सभी कर्मियों को वापस झारखंड लाया गया है. उन्होंने कहा कि एलआर में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है.
विदित हो कि लातेहार के मनिका और लातेहार विधानसभा सीट सहित झारखंड के 13 सीटों पर प्रथम चरण में 30 नवंबर को मतदान होना है. जो मतदान केन्द्र अति संवेदनशील या फिर उन तक पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं है, वहां हेलिकॉप्टर की मदद से चुनावकर्मियों को मतदान सामग्री के साथ रवाना किया जा रहा है।