सीडब्लूसी राँची के अध्यक्ष अजय साह को भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर सरकार ने जारी किया नोटिस

–महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के अवर सचिव की ओर से जारी किया है साह को नोटिस…..

राँची।भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने पर बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) राँची के अध्यक्ष अजय साह को सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से अजय साह को 14 जुलाई को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा गया है। नोटिस में साह से पूछा गया है कि भाजपा की सदस्यता लेने पर क्यों ना उनके ख़िलाफ़ अनुशासनिक कार्यवाही की जाए। क्योंकि बाल कल्याण समिति राँची में अध्यक्ष पद पर कार्यरत रहते हुए राजनीतिक पार्टी की सदस्यता ग्रहण करना नियमानुकूल नहीं है। विभाग की ओर से जेजे रूल 2017 के नियम 88 (5) (3) में दिए प्रावधान की भी हवाला दिया गया है। साह से 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष विभाग को समर्पित करने के लिए कहा गया है। अन्यथा यह मानते हुए कि आपको इस विषय में कुछ नहीं कहना है, विभाग द्वारा अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

राँची डीसी ने सचिव महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा को भेजा था पत्र

साह को जारी किए गए नोटिस में अवर सचिव द्वारा राँची के डीसी राहुल सिन्हा और डीडीसी द्वारा विभाग को भेजे गये पत्र का हवाला भी दिया गया है। ज्ञात हो कि राँची डीसी ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव को एक जून 2023 को पत्र द्वारा साह पर आवश्यक कार्यवाही करने की अनुशंसा की थी।राँची डीसी द्वारा विभाग को अखबारों में छपी खबरों का हवाला दिया गया था।

26 मई को सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने ली थी बीजेपी की सदस्यता

26 मई को राँची सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अजय साह ने भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। सीडब्ल्यूसी झारखण्ड सरकार के अधीन एक अर्ध न्यायिक बॉडी है जिसका काम नाबालिग बच्चों के देख रेख और सुरक्षा से संबंधित मामलों को देखना होता है। समिति एक न्यायपीठ है जिसमें चार सदस्य और एक अध्यक्ष होते है।

साह ने कहा उन्होंने सिर्फ सदस्यता ली, विभाग को देंगे जवाब

अजय साह ने बताया की उन्होंने सिर्फ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इससे पहले उन्होंने कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं से क़ानूनी सलाह ली थी। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत बाल कल्याण समिति का अध्यक्ष कोई भी “राजनीतिक पद” धारण नहीं कर सकता। उन्होंने सिर्फ़ भाजपा की सदस्यता ली है जो कि पूरी तरह से क़ानूनी रूप से सही है। अगर उन्हें भाजपा में कोई पद मिला होता तो वह सीडब्ल्यूसी के पद पर नहीं बने रह सकते थे, परंतु सिर्फ़ सदस्यता लेना पूरी तरह से वैधानिक है। उन्होंने बताया कि भाजपा की सदस्यता लेने के तुरंत बाद उन्होंने राँची डीसी को इसकी सूचना दी थी और अपना क़ानूनी पक्ष रखा था। लेकिन डीसी राहुल सिन्हा ने बिना उनसे जवाब मांगे विभाग को कार्यवाही की अनुशंसा की जो कि प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है। फ़िलहाल वह विभाग के नोटिस का जवाब देकर अपना क़ानूनी पक्ष रखेंगे।