दरोगा पर फायरिंग मामला:घटना की पूरी कहानी दारोगा की जुबानी,कैसे पकड़ा गया गोली मारने वाला दोनों अपराधी,एसएसपी करेंगे सम्मानित,दरोगा के ऊपर लिखी कविताएं,पढ़े पूरी रिपोर्ट

दरोगा पर फायरिंग मामला:घायल सब-इंस्पेक्टर सुभाष लकड़ा

झारखण्ड न्यूज,राँची।सब इंस्पेक्टर सुभाष चन्द्र लकड़ा के बयान जो प्राथमिकी में दर्ज है।क्या है बयान, चुटिया थाना क्षेत्र में लगातार चेन स्नैचिंग की घटना हो रही थी। 14 मार्च को चुटिया के धुमसा टोली के पास अपने अर्ध निर्मित मकान को देखने जा रही ज्योति महतो से दो स्कूटी सवार युवकों ने चेन छिनतई कर धुमसा टोली मेन रोड की ओर फरार हो गए थे। इस घटना में ज्योति महतो ने स्कूटी का नंबर 1270 देख लिया था। जिसकी जानकारी पुलिस को प्राथमिकी दर्ज कराने के दौरान बताई थी। इससे पहले चार मार्च को गोसाई टोली अपर चुटिया निवासी सुनीता कुमारी साह (52) से इन्हीं दोनों स्नैचरों ने चेन छिनतई की घटना को अंजाम दिया था। इससे पहले इन्हीं दोनों ने 23 दिसंबर को चुटिया में उषा कुमारी से चेन छिनतई की घटना को अंजाम दिया था। इन घटनाओं का सीसीटीवी फुटेज जब देखा गया तब पता चला की जिस स्कूटी से दोनों स्नैचर घटना को अंजाम दे रहे है उसका नंबर जेएच 01एएक्स-1270 है। स्कूटी का सीट नीला रंग का दिखा। इसके बाद स्नैचिंग की इन घटनाओं के उद्भेदन के लिए चुटिया थाना प्रभारी ने एक टीम बनाई थी। जिसमें मै भी था। टीम के सदस्य अलग चौराहों पर तैनात थे और उक्त स्कूटी की रेकी कर रहे थे। उसी दौरान 4.15 बजे उक्त नंबर की एक स्कूटी पर सवार दो युवक मुझे चुटिया अमर चौक से बाए ओर मुड़ तेली टोली होते हुए मकचुंद टोली की ओर जाते दिखे। जिनका मै तेजी से बाइक से पीछा करने लगा। वे भी तेजी से भाग रहे थे, लेकिन मकचुंद टोली चौक के पास मैने उनकी स्कूटी को ओवरटेक किया, उसी दौरान सामने से एक कार आर रही थी उनका संतुलन बिगड़ा और दोनों गिर गए। मैने दोनों अपराधियों को झपड़ कर पकड़ लिया और कहा कि मै चुटिया थाने का दारोगा हूं दोनो सरेंडर कर दो। लेकिन पुलिस का नाम सुनते ही दोनों मुझसे मार पीट करने लगे। एक अपराधी मेरे हाथ से छुट गया और भागने लगा। लेकिन एक को मैने पकड़ा रहा। दूसरे अपराधी ने अपने कमर से पिस्टल निकाला और मेरे सिर को टारगेट कर गोली चलाने की कोशिश की। लेकिन मैने उसका हाथ पकड़े रहा और हाथ को झुका दिया। उसने फायरिंग कर दी। गोली मेरे पैर के घुटने में लगी। मैने उसके पिस्टल को छिनने की कोशिश की। लेकिन पिस्टल नहीं छिन पाया। पिस्टल में लगा लोडेड मैग्जीन निकल गिर गया। इसके बाद पहले भागने वाला अपराधी दोबारा आया और हेलमेट उठाकर मेरे सिर पर मारा, फिर अपने सहयोगी को छुड़ाने में कामयाब रहा। फिर दोनो अपराधी आंगन पैलेस होते हुए टाटा रोड की ओर भाग निकले। इसके बाद स्थानीय लोगो ने मुझे ई रिक्शा पर लादकर गुरुनानक अस्पताल पहुंचाया।

घटना के दौरान 50 से अधिक लोग देख रहे थे तमाशा लेकिन कोई मदद के लिए नहीं बढ़ा

घटना के दौरान जो सीसीटीवी फुटेज में आया उसके अनुसार 50 से अधिक लोग वहां खड़े थे। लेकिन कोई सुभाष चंद्र की मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। अगर कुछ लोग उनकी मदद कर देते तो दोनों अपराधी उसी समय पकड़े जाते और सुभाष को गोली भी नहीं लगती। फिलहाल सुभाष की स्थिति अब खतरे से बाहर है।

शातिर अपराधी फंस गया बुजुर्ग महिला के किरदार में

राजधानी राँची के चुटिया थाना क्षेत्र में गुरुवार 18 मार्च को चेन छिनतई करने वाले अपराधियों ने सब-इंस्पेक्टर सुभाष चन्द्र लकड़ा पर गोली मार कर घायल कर दिया था।पुलिस ने 10 घंटे के अंदर अपराधियो को गिरफ्तारी में अहम रोल रहा है।अपराधी का मोबाइल।जी हाँ अपराधियों को पकडऩे में पुलिस का एक महिला अधिकारी का ट्रैप सिस्टम काम आया।दरअसल, अपराधियों का एक मोबाइल घटनास्थल पर ही गिर गया था। उस मोबाइल को पुलिस ने ऑन रखा था। फोन पर अपराधियों के कॉल लगातार आ रहे थे। इसबीच पुलिस अधिकारियों ने फिल्मी स्टाइल में पकडऩे की ट्रेप सिस्टम अपनाई। फिर महिला अधिकारी ने कॉल उठाकर कहा मैं एक गरीब महिला हूं। मुझे मोबाइल मिला है। रास्ता किनारे गिरा हुआ था। अपराधियों को विश्वास दिलाकर मोबाइल लौटाने के लिए महिला अधिकारी ने बुलाया। महिला अधिकारी ने खुद को गरीब महिला बता कहा मोबाइल आकर मोरहाबादी मैदान में ले लो। इस बातचीत के आधार पर महिला पुलिस अधिकारी अपना जाल बिछाकर मोरहाबादी में गरीब महिला बनकर इंतजार कर रही थीं। करीब एक घंटे तक अपराधी मोबाइल लेने नहीं आया।

फिर महिला अधिकारी ने अपराधी से बातचीत कर जब कहा कि अब वह लौट जाएगी, तब उसने एक दूसरे व्यक्ति को वहां भेजा। उसके पहुंचते ही पुलिस ने अपराधी द्वारा भेजे गए युवक को दबोच लिया। उसके पकड़े जाने के बाद पूरी तरह राज खुला और पता चला कि तौकीद उर्फ शेखु अपनी घर के किसी बच्ची को लेकर हजारीबाग चला गया। इस दौरान पुलिस ने तकनीकी इनपुट के साथ उस घर को घेर लिया, जहां तौकीद छुपा था। उसे दबोचकर राँची लाया गया। राँची लाने के बाद इमरोज के घर पुलिस देर रात पहुंची। अपने घर पर छापेमारी होने पर वह बगल की एक गली में दुबक कर छुप गया था। हालांकि देर रात पुलिस की टीम को स्थानीय लोगों ने गिरफ्तारी में मदद की और अपराधी पकड़ा गया।

पहली बार राँची के सभी थाना एक होकर कर रहे थे काम

दारोगा पर गोली बारी के बाद राँची पुलिस ने एकजुटता का परिचय भी दिया है। राँची के चुटिया,नामकुम, लोअर बाजार, सदर,लालपुर,ओरमांझी यानी राँची के शहरी व ग्रामीण थानों की पुलिस एक होकर काम में जुट गई थी। इसबार एसएसपी या किसी वरीय अधिकारियों को यह कहना नहीं पड़ा कि आप भी टीम में लग जाओ। इसबार खुद सभी थानों के थानेदार और पुलिस अधिकारी रोल में आ गए।मामला था पुलिस पर गोली चलाने का और वो भी राजधानी में इससे पुलिस वाले खुद एक बड़ी चेलेंज लेकर काम कर रही थी।कई थानेदार तो खुद एसएसपी को जानकारी देकर ऑपरेशन में लग गए। सभी यह बताते रहे कि मैं हजारीबाग जा रहा, मैं तकनीकी सेल में हूं। मैं इस इलाके में हूं। कोई सीसीटीवी फुटेज देखता रहा, कोई तकनीकी लोकेशन, कोई मैनुअल सोर्स, कोई ट्रैपिंग सिस्टम में जुटा रहा। पुलिस की एकजुटता का परिणाम हुआ कि अपराधी 10 घंटे के भीतर ही दबोच लिए गए।

वरीय पुलिस अधीक्षक करेंगे टीम को सम्मानित,दरोगा का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा

एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि सुभाष का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा। स्नैचरों को पकड़ने वाली टीम को भी प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।बता दें वरीय पुलिस अधीक्षक ने घटना के बाद कहा था अपराधी को सुबह होने से पहले गिरफ्तार कर ली जाएगी।और उन्होंने जो कहा उनकी टीम ने कर दिखाया।उन्होंने लोगों से भी अपील की है कभी भी कोई घटना हो उसकी अगर जानकारी लोगों को हो तो पुलिस को जरूर सूचना दें।ताकि अपराध रोकने औए अपराधियों को पकड़ने में सहयोग मिले।उन्होंने ये भी कहा लोग सूचना दें सूचना देने वालों का नाम पता सब गुप्त रखा जाता है।इसलिए निडर होकर कोई भी घटना का जानकारी दे सकते हैं।एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा से जब पूछा गया कि 18 मार्च की घटना जो हुई,तस्वीरों में जो नजारा दिख रहा लोग तमाशबीन था।इस पर उन्होंने कहा लोगों को जागरूक होना जरूरी है।लोग जिस तरह अपराध होते देखते रहे है।अगर लोगों ने थोड़ी सी साहस परिचय देता तो अपराधी भी वहीं पकड़े जाते।वहीं उन्होंने ये भी कहा अपराधी को सजा दिलवाना पुलिस का काम है।

खाकी’ कुछ तो बात है इसमें

आज अपने कलम के जरिये
एक बहादुरी का किस्सा सुनाता हूँ..

वारदात है थाना चुटिया राँची की
चलो विस्तृत रूप से तुम्हें बताता हूँ !!

मचा रखा था उत्पात कुछ बदमाशों ने
पिछले कुछ महीनों से..
लूटपाट, चेन छिनतई, मार काट
परेशान कर रखा था पब्लिक को जीने में !!

पुलिस दिन रात परेशान थी..
इन सब केसों के डील में….
हुआ मीटिंग, प्लान बना और
टीम बनाकर निकल गये फिर
रेकी करने सिविल में..!!

और फिर अपराधी को सामने देख
बिना हथियार के..

भिड़ गया शेर ‘सुभाष’ अकेला ही उन बदमाशों से
दबोच लिया फिर कसकर अपने हाथों के पाशो से..
पिस्टल तान दी बदमाशों ने , हेलमेट भी सर पे मार दिया
छोड़ा नहीं फिर भी वो..चाहे उनपे जितना वार किया।

फिर बदमाशों ने सुभाष के पैर पे गोली मारा
फिर भी शेरदिल तनिक हिम्मत नहीं हारा..
गुहार लगाए गये मदद को जब..
खाकी को मिला न कोई सहारा ।

क्या बताऊँ यार…

खड़े नामर्द कुछ वहां तमाशा देख रहे थे..
हर बार की तरह अपनी आंखें सेक रहे थे..
लाख चीखा चिल्लाया फिर भी नहीं कोई साथ दिया
लहूलुहान शेर, बदमाशों से अकेले ही दो दो हाथ किया ।

अंततः अपराधी वहां से फरार हुआ..
दर्द से कराह रहा वो पड़ा लाचार हुआ
फिर डिपार्टमेंट ने एड़ी चोटी एक किये..
24 घण्टे में दोनों बदमाश गिरफ्तार हुआ।

और क्या बताऊँ कैसे बताऊं..
कितने अच्छे से उनका आथित्य सत्कार हुआ ।

कभी लगता है आखिर क्यों
हम सब इतना झेल रहें हैं..
इन मूकदर्शकों के खातिर हम
क्यों अपने जानों से खेल रहें हैं ।

रहने दीजिये इन्हें मूकदर्शक ही,
उठाने दीजिये उंगलियां खाकी के लिए..
हम तो हमेशा सेवा को तत्पर हैं..
इनके लिए भी और बाकी के लिए !!

अब बस दुआ करें..वो जल्द सही सलामत हो..
औऱ इन लुटेरे बदमाशों का जीना मरना आफत हो !!

जय हिंद 🙏

नोट:कविता की सोशल मीडिया पर वायरल हुई है