झारखण्ड में राँची सहित पाँच शहरों में 32 ठिकानों पर ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी……

राँची।जमीन और शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम आज बुधवार की सुबह से ही राँची सहित राज्य के पाँच शहरों के 32 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।राँची,धनबाद,दुमका,देवघर,गोड्डा में छापे मारे जा रहे हैं।

राजधानी राँची में सात ठिकाने पर ईडी छापेमारी कर रही है।जमीन घोटाले में जहां ईडी की टीम देवघर में छापेमारी कर रही है, वहीं शराब घोटाले मामले में ईडी राँची और दुमका में योगेंद्र तिवारी के सहयोगियों के ठिकाने पर छापेमारी कर रही है।

मिली सूचना के अनुसार छापेमारी शराब घोटाले को लेकर की गई है।राँची में मंत्री रामेश्वर उरांव, तिवारी ब्रदर्स सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।मंत्री रामेश्वर उरांव के राँची स्थित आवास पर भी छापेमारी की जा रही हैमबताया जा रहा है कि राँची में कुल सात जगहों पर ईडी रेड कर रही है। जामताड़ा में भी छापेमारी चल रही है. वहीं देवघर में कुल आठ जगहों पर छापेमारी की सूचना है।

दुमका शहर में अलग-अलग पांच जगहों पर ईडी की छापेमारी चल रही है। जिसमें टाटा शोरूम चौक स्थित तनिष्क शोरूम, तिवारी ऑटोमोबाइल, कुम्हारपाड़ा स्थित पप्पू शर्मा और कुम्हार पाड़ा स्थित ठेका बाबा मंदिर के नजदीक अनिल सिंह के घर पर ईडी की कार्रवाई चल रही है।तनिष्क शोरूम और तिवारी ऑटोमोबाइल शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के करीबी का बताया जा रहा है, जबकि शेष दोनों पप्पू शर्मा और अनिल सिंह शराब कारोबारी के कर्मी हैं। इसके अतिरिक्त गिलान पाड़ा स्थित कार्यालय में भी छापेमारी की सूचना है। ईडी की रेड के दौरान आसपास रहने वाले लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई है. इसे देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं

राँची के हरमू पटेल चौक के पास स्थित शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के घर छापेमारी चल रही है।

क्या है झारखण्ड में शराब घोटाला का मामला

छ्त्तीसगढ़ शराब कंसलटेंट, सप्लायरों और झारखण्ड के उत्पाद विभाग ने झारखण्ड के सरकारी राजस्व को 450 करोड़ रुपए से अधिक का उत्पाद राजस्व का घाटा कराया है।झारखण्ड में नयी शराब नीति का सलाहकार अरुण पति त्रिपाठी ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का सरगना है।उस पर आरोप है कि वह केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ की राज्य की सहमति के बिना ही झारखण्ड में सलाहकार बना था।नियमानुसार झारखण्ड में सलाहकार बनने के लिए उसे अपने मूल विभाग व छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना आवश्यक था।उस पर छत्तीसगढ़ में कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें एक फर्जी कंपनी बनाकर छत्तीसगढ़ में होलोग्राम छापने का आरोप भी है जिन तीन कंपनियों को छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस में नाम सामने आ रहा है।झारखण्ड की शराब नीति में भी उनका सीधा हस्तक्षेप है।