लॉकडाउन भारत २-०:रिवर्स रेपो रेट 4 % से घटाकर 3.75% किया गया है। रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट की कमी की गई है: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

नई दिल्ली।कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई राहत का ऐलान किया है।रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है।अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है।

आरबीआई ने बैंकों को दी बड़ी राहत, रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती।रिवर्स रेपो रेट को 3.75 फीसदी किया गया ।रिवर्स रेपो रेट घटने से बैंकों को होगा फायदा एनपीए नियमों में बैकों को मिलेगी राहत।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई राहत का ऐलान किया है।रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है. रिवर्स रेपो रेट में कटौती से बैंकों को फायदा होगा। बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड 19 से छोटे और मध्यम आकार के कॉरपोरेट को नकदी की काफी दिक्कत हुई,इसलिए टीएलटीआरओ 2.0 का ऐलान किया जा रहा है।50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जा रही है।इसके बाद हालात का आकलन कर इसे और बढ़ाया जाए।टीएलटीआरो 2.0 के तहत 50 फीसदी टोटल एमाउंट छोटे, मध्यम आकार के कॉरपोरेट, एमएफआई, एनबीएफसी को जाएगा,इसके लिए अधिसूचना आज ही आएगी।

नकदी फ्लो के लिए करेगा 50 हजार करोड़ का निवेश

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी की भूमिका ग्रामीण क्षेत्रों और एनबीएफसी आदि के कर्ज प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण है. कोविड 19 के दौर में इन संस्थाओं को बाजार से कर्ज मिलने में मुश्किल है, इसलिए नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी को 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रीफाइनेंसिंग की सुविधा दी जा रही है।

कोरोना की वजह से 1.9 फीसदी रहेगी GDP की रफ्तार

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार कहा कि आईएमएफ ने इस हालात को ग्रेट लॉक डाउन कहा है और दुनिया को 9 ट्रिलयन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. भारत कुछ देशों में है जहां 1.9 फीसदी का पॉजिटिव ग्रोथ होगा, यह जी—20 देशों का सबसे तेज ग्रोथ होगा।

शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय हालत पर आरबीआई की नजर है. कोरोना से लड़ाई के लिए हमारी पूरी टीम लगी हुई है. हमारे 150 अधिकारी और कर्मचारी क्वारनटीन होकर सेवाएं दे रहे हैं. वित्तीय नुकसान को कम करने की कोशिशें जारी हैं. कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, बफर स्टॉक है. इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है।