ठगो का मास्टरमाइंड निवेश का कबूलनामा:दोस्तों में प्रभाव दिखाने के लिए 9 डमी हथियार खरीदा और जंगल मे जाकर फोटो खिंचवाया,लोगों से 2.18 करोड़ रुपए की ठगी की बात स्वीकारी

–12वीं के बाद बनना चाहता था इंजीनियर, पिता पैसे नहीं दे सके तो धनबाद में करने लगा कोयला लोडिंग का काम, यहीं से शुरू हुई उसकी बड़ी ठगी की कहानी

राँची।ठगो का मास्टरमाइंड निवेश कुमार उर्फ राजवीर उर्फ गांधी। वर्तमान उम्र 32 साल। पुलिस ने निवेश व उसके सहयोगी शुभम पोद्दार को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड पर आने के बाद निवेश ने पुलिस के समक्ष कई खुलासे किए है। उसने अबतक 2 करोड़ 17 लाख 80 हजार रुपए ठगी की बात स्वीकारी है। निवेश 12वीं तक ही पढ़ा है। 12वीं के बाद निवेश इंजीनियर बनना चाहता था। लेकिन पिता ने पढ़ाई के लिए आर्थिक तंगी की वजह से पैसे नहीं दिए। पैसे कमाने के लिए वह धनबाद चला गया। वहां कोयला लोडिंग का काम करने लगा। निवेश शुरू से ही शौकीन था। लेकिन कोयला लोडिंग के काम से मिले पैसों से उसका शौक पूरा नहीं हो रहा था। इसी दौरान वह बेगूसराय में पहली बार 2016 में आईबी का डीएसपी बन ठगी करने पहुंच गया। लेकिन पकड़ा गया व जेल गया। जेल से छूटने के बाद वह फिर वापस आया व कोयला लोडिंग का काम करने लगा। यहां भी धोखाधड़ी मामले में वह पकड़ा गया। इसी दौरान धनबाद में उसकी मुलाकात फेसबुक के जरिए सुमन कुमार नाम के एक युवक से हुई। सुमन को निवेश ने बताया कि वह झारखंड सरकार में एक बड़ा सरकारी अधिकारी है। यहीं से उसके ठगी का बड़ा खेल शुरू हुआ। सुमन कुमार ने उससे एक फिल्म बनाने के लिए मदद मांगी। निवेश ने इसका फायदा उठाया और पहली बार ठगी का शिकार उसे बनाते हुए उससे 52 लाख 80 हजार रुपए की ठगी की। इस मामले में साइबर थाना राँची में उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी। ये निवेश की जिंदगी की पहली बड़ी ठगी थी। इसके बाद निवेश ठगी का उस्ताद बनता चला गया।

पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर बुजुर्ग से ठगा 32 लाख

दूसरी ठगी उसने पिठौरिया में एक बुजुर्ग व्यक्ति को पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर किया। उसने बुजुर्ग से इस एवज में 32 लाख रुपए की ठगी की। इसके बाद उसने बिहार के आठ लड़कों को झारखण्ड में 18 में निकले दारोगा बहाली में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसे में लिया और उनसे 70 लाख रुपए की ठगी कर डाली।

पुलिस से बचने के लिए भाग दिल्ली में रहने लगा

निवेश के विरुद्ध राँची में ठगी के तीन मामले दर्ज हो चुके थे। इसलिए वह पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में जाकर छिपकर रहने लगा। इसी क्रम में दिल्ली में एक मसाज पार्लर में उसकी मुलाकात अंजली पटेल से हुई। उसका मसाज उसे इतना अच्छा लगा की वह लगातार उसके पास जाने लगा और दोनों में प्रगाढ़ता बढ़ गई। बाद में पता चला कि वह बांग्लादेशी है और वह दिल्ली में नाम बदल रह रही है। पहली बार निवेश को वर्ष 2018 में फिल्म बनाने के नाम पर ठगी मामले में साइबर थाना रांची की ओर से उसे जेल भेजा गया।

जेल में मिला रोहित साव से, उसी ने वाट्सएप कॉल से बात कराया था दिनेश गोप से

राँची जेल में निवेश की मुलाकात रोहित साव नाम के युवक से हुई थी। वह तोरपा रनिया का रहने वाला था। उसने एक मोबाइल नंबर दिया था व कहा था कि जेल से बाहर आए तो संपर्क करे। निवेश जब जमानत पर बाहर आया तो उसने रोहित से संपर्क किया। रोहित से वह बिरसा चौक पर मिला। रोहित ने उसे बताया कि वह पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश साव व अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा का नजदीकी है। निवेश ने भी उसे ठगते हुए बताया कि वह अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी करता है। इसके बाद रोहित ने निवेश को वाटसएप वीडियो कॉल पर अवधेश जायसवाल से बात कराई। बातचीत में अवधेश ने निवेश से मिलने की बात कही। उसने रनिया के पकरा जंगल उसे बुलाया। वहीं अवधेश से उसकी मुलाकात हुई व अवधेश ने निवेश की वीडियो कॉल पर दिनेश गोप से बात कराई। निवेश ने अपने मोबाइल पर कुछ अत्याधुनिक हथियारों की तस्वीर दिनेश गोप को दिखाई। जो डमी हथियार थे। दिनेश गोप उसे देख एक करोड़ के हथियार सप्लाई करने का सौदा किया। एडवांस में दिनेश ने अपने विभिन्न लोगो के माध्यम से निवेश को 65 लाख रुपए दिलवाए। यहीं पैसे निवेश ने अपने पिता सुभाष पोद्दार और भाई प्रवीण पोद्दार को छिपा कर रहने के लिए दिए थे। जिसे पुलिस ने उसके घर से छापेमारी के दौरान बरामद किए।

चंडीगढ़ से प्रभाव जमाने के लिए खरीदे थे 9 डमी हथियार

पुलिस को निवेश ने बताया कि अपने दोस्तो व अन्य लोगो के बीच प्रभाव जमाने के लिए चंडीगढ़ के एक दुकान से 9 डमी हथियार खरीदे थे। उसी डमी हथियार के साथ फोटो खिंचवा वह सभी को तस्वीर पोस्ट किया करता था और खुद को हथियार तस्कर बताता था। पीएलएफआई से जो हथियार सप्लाई के लिए पैसे लिए थे उसके एवज में उन्हें देने के लिए छह देसी पिस्टल व कट्टा व 83 कारतूस अपने घर में छिपा कर रखा। जिसे बाद में पुलिस ने उसके आम बागान स्थित घर से बरामद किया। पीएलएफआई ने कुछ अवैध सिम व कुछ सामान मंगवाए थे, जिसे छह जनवरी को वह देने के लिए डैम साइड पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने छापेमारी कर दी और उसे भागना पड़ा।

राँची से भागने के बाद दोस्तो को भेजा दिल्ली, खुद पहुंचा था कोलकता

निवेश ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि छह जनवरी की सुबह पुलिस को चकमा देकर भागने के बाद वह खुद कोलकाता भाग गया था। वहीं अपने दो साथियों शुभम व ध्रुव को दिल्ली स्थित अपने होटल एरो लुक में पहुंचने को कहा था। दिल्ली वाले होटल को निवेश ने दो लाख रुपए महीने किराया पर लीज पर ले रखा था। निवेश राँची से अपनी स्कॉर्पियों गाड़ी से कोलकाता पहुंचा। जिसे उसने कोलकाता में पप्पू नाम के युवक को दे उसकी एमजी हेक्टर गाड़ी ले ली। वही दिल्ली से शुभम व ध्रुव अंजली को लेकर कोलकाता पहुंचे। फिर चारो एमजी हेक्टर गाड़ी से उत्तर प्रदेश, बिहार, व झारखंड के रास्ते पुरुलिया जाने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस ने सभी को बक्सर में गिरफ्तार कर लिया।

इधर रिमांड पर लिए गए निवेश और शुभम से पुलिस ने पूछताछ की है।पुलिस को कई जानकारियाँ दी है।रिमांड अवधि आज पूरा हो जाएगा।गुरुवार को दोनो को फिर से जेल भेज दिया जाएगा।