अर्जुन मुंडा बने भारतीय तीरंदाजी महासंघ के अध्यक्ष, प्रतिद्वंदी को 34- 18 वोटों के अंतर से हराया।

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआई) के नए अध्यक्ष बन गए हैं। मुंडा ने विपक्षी बीवीपी राव को 34-18 वोटों के अंतर से हराया। अर्जुन मुंडा का कार्यकाल चार वर्षों का होगा। वहीं, हरियाणा के कैप्टन अभिमन्यू शर्मा ने ने उपाध्याक्ष का पद हासिल किया है जबकि उत्तराखंड के राजेंद्र सिंह तोमर कोषाध्यक्ष के पद पर चुने गए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर भारतीय तीरंदाजी महासंघ का चुनाव शनिवार को नई दिल्ली में हुआ। मुंडा ने पिछले साल भी इस पद के लिए दावेदारी की थी, लेकिन तकनीकी कारणाें से उनका नामांकन रद्द हाे गया था।

तीरंदाजी से रहा है केंद्रीय मंत्री का जुड़ाव

केंद्रीय मंत्री सह झारखंड तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा का तीरंदाजी से जुड़ाव रहा है। मुंडा के प्रयास से 2006 में सरायकेला के दुगुनी में झारखंड सरकार कल्याण विभाग की ओर से तीरंदाजी एकेडमी की स्थापना की गई थी। यहांविशेषकर जनजातीय तीरंदाजों को तराशा जाता है। मुंडा के प्रयास से खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में भी एक तीरंदाजी सेंटर चलता है। सरायकेला-खरसावां जिला तीरंदाजी संघ की कमान अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा संभाल रखी है।

दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर चुनाव

भारतीय तीरंदाजी को अगस्त 2019 में विश्व तीरंदाजी ने दो गुटों की गुटबाजी के कारण राष्ट्रीय महासंघ को निलंबित कर दिया था। इनमें से एक गुट ने दिल्ली और दूसरे ने चंडीगढ़ में चुनाव कराए थे जो कि अंतरराष्ट्रीय संस्था केदिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावों के लिये पी के त्रिपाठी को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अक्टूबर में पारित आदेश के अनुसार अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष (आठपद), महासचिव, संयुक्त सचिव (सात पद) और कोषाध्यक्ष पदों के लिए चुनाव होंगे। कुल 31 राज्य संघ मतदाता सूची का हिस्सा हैं लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर और नगालैंड का प्रतिनिधित्व करने वालीइकाइयों का नाम सूची में नहीं है।

तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं अर्जुन मुंडा

अर्जुन मुंडा तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। केंद्र सरकार में वे जनजातीय मामलों के मंत्री हैं। मोदी सरकार-2 में अर्जुन मुंडा झारखंड से इकलौते मंत्री हैं। 1995 में पहली बार खरसावां से विधायक बने मुंडा ने 2014 में जमशेदपुरसंसदीय चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, मगर इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में वे खरसावां सीट से चुनाव हार गए। हालांकि वे संगठन में लगातार सक्रिय रहे। लोकसभा चुनाव 2019 में खूंटी से पूर्व सांसद करिया मुंडा का टिकट काटअर्जुन मुंडा को टिकट दिया गया, जिसमें वे हारते-हारते महज 1445 वोट से जीते थे।