Jharkhand:छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को आमजन से लेकर नेताओं में आक्रोश,भाजपा सांसद विधायकों ने तालाब में खड़े होकर किया विरोध प्रदर्शन,जेएमएम नेता ने भी सीएम को लिखा पत्र..

राँची।झारखण्ड सरकार द्वारा छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइन को लेकर आमजन के साथ नेताओं में भी भारी आक्रोश है।हिंदू आस्था के महापर्व छठ पर झारखण्ड में राजनीति शुरू हो गई है। महागठबंधन की हेमंत सरकार ने तालाब, झील या किसी जलाशय के किनारे सामूहिक रूप से छठ मनाने पर रोक लगा दी है। हेमंत सरकार के फैसले के विरोध में भाजपा जल हठ योग कर रही है। सोमवार को राँची के सांसद संजय सेठ, राँची के विधायक सीपी सिंह, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, कांके विधायक समरी लाल और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बटम तालाब में कमर से भी ऊपर पानी में आधे घंटे तक खड़े रहे। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार हिंदू आस्था पर कुठाराघात कर रही है।पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

सीपी सिंह ने कहा कि बेरमो और दुमका में कोरोना नहीं था। जनाजा निकालने में भीड़ नहीं होती है। रिसालदार बाबा के दरबार पर चादर चढ़ाते हैं तब कोरोना नहीं फैलता है। छठ व्रत आते ही कोरोना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये आस्था पर चोट है, सरकार को गाइडलाइन वापस लेनी ही होगी।

हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार कर रही हेमंत सरकार

सांसद संजय सेठ ने कहा कि सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर एक खास वर्ग को खुश करने के लिए कर रही है। हेमंत सरकार हिंदुओं के साथ इतना दुर्व्यवहार क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को घर में रहकर छठ करने के लिए कर रही है तो सभी के घर के आगे जलाशय बनवा दे। ये बताए कि उस जलाशय में पानी कहां से आएगा। पीने का पानी तो सरकार से दिया नहीं जा रहा। नवीन जायसवाल ने कहा कि जब बिहार में जलाशय में छठ करने की अनुमति मिल सकती है तो झारखण्ड में क्यों नहीं।

डिप्टी मेयर ने कहा- तैयार हैं तालाब

डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय ने कहा कि पिछले 15 दिनों से लगातार तालाबों की सफाई की जा रही ह। सभी तालाब छठ के लिए तैयार हैं। लोगों को यहां आने से रोक पाना मुश्किल होगा लेकिन सरकार ने व्यवस्था करने पर रोक लगा दी है, ऐसे में लोगों को काफी परेशानी होगी। सरकार को अपना फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए।

इधर जेएमएम नेता विनोद पांडेय ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर एक पत्र सौंपा है।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के केंद्रीय समिति के महासचिव सह प्रवक्ता श्री विनोद कुमार पांडेय ने मिलकर राज्य सरकार से छठ महापर्व से संबंधित सरकारी निर्देश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

श्री विनोद कुमार पांडेय ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के उच्चतम संक्रमण काल में हमारा झारखंड राज्य आपके कुशल नेतृत्व में कोविड के अप्रत्याशित प्रसार को मात देता रहा। आपके द्वारा जारी दिशानिर्देश अनुरूप राज्य वासियों ने अपने संयम का परिचय देते हुए कोविड के संक्रमण को सीमित करते हुए सरकार के इच्छाशक्ति को बल प्रदान किया।

श्री पांडेय ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 के कारण विगत 7 माह में सरहुल, रामनवमी, ईद, ईस्टर, स्वतंत्रता दिवस, करमा, विश्वकर्मा पूजा, दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे अनेक धार्मिक एवं राष्ट्रीय पर्व के हर्षोल्लास को सीमित रखते हुए लोगों द्वारा राज्य सरकार के हर दिशा निर्देश का अक्षरश: पालन किया है। छठ महापर्व हिंदुओं के आस्था का महापर्व है। देश में झारखंड, बिहार एवं उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व अपना विशेष स्थान रखता है। नहाय-खाय के दिन से शुरू होकर खरना, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात प्रातः उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का पारन किया जाता है। कुल चार दिवस तक चलने वाले इस महापर्व से झारखंड ही नहीं पूरे विश्व में रहने वाले हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है। वर्तमान समय में कोविड नियंत्रण एवं छठ महापर्व से जुड़ी लोक आस्था के कारण राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। अतः महोदय आप के माध्यम से हम यह आग्रह करना चाहेंगे कि छठ महापर्व के दौरान सीमित संख्या में छठ व्रतियों को घाट पर जाकर सूर्यदेव की उपासना हेतु अनुमति प्रदान करने की स्वीकृति मिले।