फर्जीवाड़ा@21.69 लाख:गैस एजेंसी का कर्मचारी करता था फर्जीवाड़ा,प्राथमिकी दर्ज होने के डेढ़ साल बाद भी राँची पुलिस नहीं कर सकी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार,छोटे भाई को गिरफ्तार कर डोरंडा थाना पुलिस ने जेल भेजा..

ग्राहकों के सब्सिडी का 21.69 लाख का फर्जीवाड़ा कर गैस एजेंसी का कर्मचारी फरार, प्राथमिकी दर्ज होने के डेढ़ साल बाद भी राँची पुलिस नहीं कर सकी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार

— छोटे भाई को गिरफ्तार कर भेजा डोरंडा पुलिस ने जेल, दोनो मिलकर करते थे फर्जीवाड़ा

राँची।राँची के डोरंडा स्थित झलक इंडेन गैस एजेंसी से 21.70 लाख रुपये की सब्सिडी घोटाला मामले में एक को पलामू के रेड़मा से डोरंडा पुलिस ने किया गिरफ्तार।गिरफ्तार आरोपी अनुराग पांडेय है इस पूरे सब्सीडी घोटाले का है साजिशकर्ता।आरोपी के पास से 12 एटीएम व पासबुक भी बरामद किए गए हैं। जो घोटालो से संबंधित खातों के हैं। आरोपी को पुलिस ने पलामू के रेड़मा से गिरफ्तार किया है। उसका भाई सतीश पांडेय गैस एजेंसी का ही स्टाफ था।स्टाफ रहते हुए ग्राहकों के खातों में छेड़छाड़ कर अपने और अपने रिश्तेदारों के खातों में रुपये मंगवाकर घोटाला किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपित खुलासा किया है कि उसका भाई सतीश पांडेय झलक इंडेन गैस एजेंसी में काम करता था।दोनों ने मिलकर ग्राहकों के सब्सिडी के पैसे उड़ाने की योजना तैयार की। दोनों ने मिलकर अपने भाई, बहन समेत नौ रिश्तेदारों के नाम से अलग-अलग बैंकों में खाता खोला।कोई भी ग्राहक गैस का कनेक्शन लेने के लिए आता था तो सतीश आवेदन में अपने किसी रिश्तेदार के खाते का नंबर उसमें चढ़ा देता था। सब्सिडी का पैसा दिए गए खाते में ट्रांसफर हो जाता था। तीन साल तक इसी तरह पैसे गबन करने का खेल चलता रहा।

रिश्तेदारों के खाते में इस तरह जमा होती गई सब्सिडी

एजेंसी के स्टाफ के भाई अनुराग पांडेय के खाते में 287341 रुपये, पिता सचिदानंद पांडेय 203389 रुपये, मां चम्पा देवी 363161 रुपये, बहन सजना पांडेय 353191 रुपये, किरण कुमारी 226607 रुपये, सीमा देवी 125765 रुपये, जीजा अंजनी पाठक 150165 रुपये, चाची शोभा देवी 297738 रुपये, चचेरा भाई नवनीत पांडेय 162609 रुपये।

इनकी भी तलाश चल रही

इस गड़बड़ी की जांच के दौरान पुलिस ने वैसे ग्राहकों के गैस कनेक्शन से संबंधित लिंक खातों को खंगालना शुरू किया तो पूरा खेल सामने आ गया। पुलिस ने यह पता लगाया कि एजेंसी में कंप्यूटर पर नंबर अंकित कौन करता है।इसका बैंक खाते से मिलान कराने के बाद आरोपी को पुलिस ने दबोच लिया। मामले में एजेंसी के पूर्व स्टाफ सतीश पांडेय के अलावा सच्चिदानंद पांडे, चंपा देवी, संजना पांडेय, किरण कुमारी, सीमा देवी, अंजनी पांडेय, शोभा देवी, नवनीत पांडेय पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इनकी भी तलाश चल रही है।

डोरंडा थाने में सतीश कुमार पांडेय व अन्य के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी

एजेंसी के संचालिका अराधना सिंह ने डोरंडा थाने में सतीश कुमार पांडेय व अन्य के खिलाफ 2 फरवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आराधना सिंह ने आरोप लगाया था कि कार्यालय स्टाफ होते हुए धोखाधड़ी एवं फर्जी तरीके से ग्राहको को मिलने वाली सब्सीडी की राशि कुछ सगे संबंधि व दोस्तो से सांठ गांठ कर चिन्हित ग्राहको के खाता से जोड़कर अपने लोगों के बैंक खाता पर भेजा जाता है।
इस वजह से ग्राहकों को मिलने वाली सब्सीडी की राशि आरोपी के परिचित के खाते में पहुंच जा रहा है। इसके बाद उक्त खाते से राशि निकाल ली जाती है। शुरुआत में 145771 रुपये की गड़बड़ी पकड़ में आया था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की। तब पता चला कि आरोपित ने घोटाला करते हुए 21 लाख 69 हजार 958 रुपये उड़ाया है।