झारखण्ड में दो बड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने किया सम्मानित…

लातेहार।झारखण्ड के लातेहार में नक्सली संगठन जेजेएमपी के दो बड़े नक्सलियों ने शुक्रवार को लातेहार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जोनल कमांडर मनोहर परहिया और एरिया कमांडर दीपक भुइयां उर्फ कुंदन जी शामिल हैं।जोनल कमांडर मनोहर पर सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।दरअसल, मनोहर परहिया पिछले कई सालों से नक्सली संगठन जेजेएमपी में सक्रिय था। इस पर लातेहार जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 13 से अधिक नक्सली मामले दर्ज हैं।इसी बीच संगठन को कमजोर पड़ता देख और अपने परिवार के दबाव में जोनल कमांडर मनोहर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की योजना बनाई। मनोहर ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों से भी संपर्क किया। अधिकारियों ने मनोहर को सरकार की आत्मसमर्पण नीति की जानकारी दी और इससे होने वाले लाभ के बारे में भी पूरी जानकारी दी।

आत्मसमर्पण नीति की जानकारी मिलने के बाद मनोहर ने अपने एक अन्य साथी एरिया कमांडर कुंदन से संपर्क किया।इसके बाद शुक्रवार को दोनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आईजी राजकुमार लकड़ा, सीआरपीएफ डीआईजी पंकज कुमार, लातेहार एसपी अंजनी अंजन, सीआरपीएफ कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी, सीआरपीएफ कमांडेंट आरएस मिश्रा,बरवाडीह एसडीपीओ वेंकटेश कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने बुके देकर स्वागत किया।आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मनोहर को इनाम राशि का चेक भी दिया गया। जोनल कमांडर मनोहर लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र का रहने वाला है।जबकि कुंदन पलामू के पांकी का रहने वाला है।

इधर, नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है।वहीं एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि दोनों नक्सलियों के आत्मसमर्पण से नक्सली काफी कमजोर हो गये हैं।उन्होंने कहा कि नक्सलवाद विनाश का रास्ता है। इसलिए सरकार की आत्मसमर्पण नीति का फायदा उठाकर सभी नक्सली यह रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आये। मुख्यधारा में लौटने वाले नक्सलियों को पुलिस हरसंभव मदद देने को तैयार है।सीआरपीएफ कमांडेंट आरएस मिश्रा ने बताया कि मनोहर और कुंदन को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों की भूमिका अहम रही।अन्य नक्सलियों से भी अपील है कि वे आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं और मुख्यधारा में लौट आएं।

पिछले 2 सालों से लातेहार एसपी अंजनी अंजन के नेतृत्व में पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। जिससे जिले में नक्सलियों का संगठन काफी कमजोर हो गया है।अभियान के चलते कई नक्सलियों ने या तो पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया या गिरफ्तार कर लिये गये। मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गये। पुलिस के इस ऑपरेशन से नक्सली संगठनों में भी डर का माहौल है।