बच्ची के साथ यौन हिंसा मामला:नगड़ी थाना में एसआई के फर्द बयान पर प्राथमिकी,एक नही दो नाबालिग के साथ हुआ यौन हिंसा

–एनसीपीसीआर अध्यक्ष के निर्देश के 21वें दिन बाद थाना में आवेदन देने की तैयारी, सात अप्रैल को चिल्ड्रन होम प्रबंधन को मिल गई थी जानकारी, इसके बाद 11 को चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी की हुई थी बैठक

–60 बच्चे रहते है चिल्ड्रन होम में, आरोपी गार्ड बिशुनपुर का है रहने वाला, अब गार्ड कहा है किसी को नहीं है जानकारी

राँची।एक पूर्व आईएएस की संस्था रेनबो फाउंडेशन इंडिया द्वारा धुर्वा के कूटे में संचालित चिल्ड्रन होम में रहने वाली एक साथ साल की आदिवासी बच्ची के साथ यौन हिंसा की घटना हुई थी। इस घटना में संस्था की ओर से बड़ी लापरवाही बरतने की बात सामने आई है। बच्ची के साथ हुए यौन हिंसा की घटना तब सामने आई जब एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस मामले की जांच करने 26 अप्रैल को राँची पहुंचे। मामला उजागर होने के बाद आनन फानन में रेनबो फाउंडेशन इंडिया के अधिकारी 27 अप्रैल को संस्था के अधिकारी नेशनल ऑफिस हैदराबाद पहुंचे। अधिकारियों ने कहा मामला सही है अब उक्त गार्ड के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन देने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि नाबालिग के साथ गार्ड द्वारा यौन हिंसा की घटना की जानकारी संस्था को सात अप्रैल को ही हो गई थी। लेकिन संस्था की ओर से गार्ड पर प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय उसे उसी दिन सिर्फ नौकरी से निकाल दिया गया। आरोपी गार्ड का नाम अलबियुस टोप्पो है और वह बिशुनपुर गुमला का रहने वाला है। अब गार्ड कहा है इसकी किसी को जानकारी नहीं। जबकि मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी। क्योंकि मामला नाबालिग के साथ यौन हिंसा का था जो पोक्सो एक्ट के तहत एक संगीन अपराध है। उल्लेखनीय हो कि कूटे में रेनबो फाउंडेशन द्वारा संचालित इस संस्था में कुल 60 बच्चियां रहकर पढ़ाई करती है। ये सभी स्ट्रीट चिल्ड्रन है। कूटे में यह संस्था 2018 से ही संचालित है।

गार्ड को नौकरी से निकालने के बाद हुई सीपीसी की बैठक

संस्था द्वारा घटना की जानकारी मिलने के बाद सात अप्रैल को ही गार्ड को नौकरी से निकाल दिया गया। लेकिन चाइल्ड प्रोटेक्शन कमिटी (सीपीसी) की बैठक चार दिन बाद 11 अप्रैल को हुई। सीपीसी की बैठक के बाद भी संस्था की ओर से आरोपी गार्ड के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई। सिर्फ गार्ड को नौकरी से निकाल मामले की खानापूर्ति कर दी गई, इसलिए एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि मामले को दबाने की कोशिश की गई, क्योंकि संस्था एक रसूखदार पूर्व नौकरशाह की है। एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा जब इस मामले की जानकारी एनसीपीसीआर अध्यक्ष को दी गई और वे मामले की जांच करने 26 अप्रैल को राँची पहुंचे, तब अगले दिन संस्था के अधिकारी इस मामले को लेकर सक्रिय हुए।

आरोपी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है : सीनियर मैजनर

घटना सही है इसकी जांच कराई गई है। मामले में गार्ड के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। मामला के जानकारी सात अप्रैल को ही हो गई थी। इसके बाद गार्ड को नौकरी से हटा दिया गया था। कार्रवाई के लिए सीपीसी की बैठक भी 11 अप्रैल को हुई थी। कार्रवाई के लिए जो दिशा निर्देश सीपीसी की ओर से दिए गए थे, उसे फॉलो किया जा रहा था–परमिंदर सिंह, सीनियर मैनेजर, रेनबो फाउंडेशन इंडिया नेशनल ऑफिस हैदराबाद।

नगड़ी थाना दारोगा के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज, एक नहीं दो बच्चियों के साथ यौन हिंसा की बात आई सामने

कुटे स्थित चिल्ड्रन होम में हुए नाबालिग के साथ यौन हिंसा मामले में संस्था की ओर से प्राथमिकी तो दर्ज नहीं कराई गई, लेकिन नगड़ी थाना ने 26 अप्रैल को एनसीपीसीआर अध्यक्ष द्वारा किए गए जांच के बाद एसआई विनोद राम के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार यह बात सामने आई है कि संस्था द्वारा संचालित संस्थान में सिर्फ एक नाबालिग के साथ ही नहीं बल्कि आरोपी गार्ड अलबियुस टोप्पो ने दो के साथ यौन हिंसा किया। संस्था के कर्मियों ने मामले की जानकारी के बाद भी इस मामले को छिपाने का प्रयास किया। इसलिए यह मामला प्रथम दृष्टया में उक्त आरोपी गार्ड व संस्था के प्रबंधन में शामिल लोगो के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में भादवि की धारा 176 व पोक्सो एक्ट की धारा चार व छह के तहत मामला दर्ज किया गया है।