Ranchi:मुख्यधारा में लौटे सम्राट गिरोह के सुप्रीमों जयनाथ साहू,किया सरेंडर

राँची।झारखण्ड के राँची, खूंटी, गुमला समेत कई जिले में कभी सक्रिय रहा सम्राट गिरोह के सुप्रीमों जयनाथ साहू ने सरेंडर कर दिया है।अपराध की दुनिया को पीछे छोड़ते हुए मुख्यधारा से जुड़कर सामान्य जीवन जीने के लिए के लिए सोमवार को सम्राट गिरोह के सुप्रीमों जयनाथ साहू ने सिविल कोर्ट में जज कमलेश बेहरा की अदालत में विधिवत रूप से सरेंडर कर दिया।बता दें कि जयनाथ साहू की काफी लंबे से समय राँची, खूंटी समेत कई अन्य जिले की पुलिस को तलाश थी।जयनाथ साहू मूल रूप से राँची जिला लापुंग का रहने वाला है उसके ऊपर रंगदारी समेत कई अन्य मामलों में दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज है। हालांकि पुलिस को किसी मामले में साक्ष्य नहीं मिल पाया है।झारखण्ड पुलिस की जयनाथ साहू की तलाश थी।

कई जिले में सक्रिय था गिरोह

जयनाथ साहू का सम्राट गिरोह राँची, खुटी, सिमडेगा, गुमला समेत कई जिले में सक्रिय था।लेकिन बीतते समय के साथ यह गिरोह का वर्चस्व धीरे धीरे कम हो गया और इस गिरोह से जुड़े अपराधी भी गिरोह को छोड़ दिया इससे पहले कई जिले की पुलिस ने सम्राट गिरोह से जुड़े कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन जयनाथ अबतक पुलिस की पकड़ से दूर था।

सम्राट गिरोह के खिलाफ PLFI सुप्रीमों दिनेश गोप ने फूंका था लडाई का बिगुल

झारखण्ड जब बना था तब खूंटी के इलाके में सम्राट गिरोह की तूती बोलती थी।सम्राट गिरोह के खिलाफ पीएलएफआई सुप्रीमों दिनेश गोप ने साल 2000 में लड़ाई का बिगुल फूंका और गठन हुआ झारखण्ड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) का। सुना जाता है कि दिनेश गोप का परिवार गांव की ऊंची जाति के लोगों के निशाने पर था। उसके परिवार ने काफी प्रताड़ना भी सही थी। उस दौरान कर्रा और लापुंग के इलाके में सम्राट गिरोह काफी सक्रिय था. उसके हथियारबंद गुर्गों के शोषण से शोषित स्थानीय लोगों ने दिनेश का समर्थन किया और साल 2001 के आसपास औपचारिक रूप से झारखण्ड लिबरेशन टाइगर के रूप में सम्राट गिरोह के खिलाफ एक नया दस्ता खड़ा हो गया. दोनों समूहों में खूनी भिड़ंत की कई घटनाएं हुईं. साथियों के मारे जाने से सम्राट गिरोह कमजोर होता गया और दिनेश गोप और जेएलटी के रूप में एक नये गिरोह का उदय हुआ, जो आनेवाले समय में पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन के नाम से झारखंड की पुलिस व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बनने जा रहा है।

सम्राट गिरोह के कमजोर होने के बाद पीएलएफआइ की बढ़ी गतिविधि

सम्राट गिरोह के लगभग खत्म होने के बाद पीएलएफआइ संगठन का आतंक खूंटी, गुमला व सिमडेगा में बढ़ता चला गया. इस संगठन ने राँची के तुपुदाना, बेड़ो व लापुंग में भी वर्चस्व स्थापित किया।जुलाई 2014 में पीएलएफआइ ने लगातार कई वारदात किये।इसके बाद तत्कालीन मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती और तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार ने पीएलएफआइ के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया।इस कार्रवाई में सीआरपीएफ के अलावा हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गयी. तब इस संगठन के अधिकांश उग्रवादी खूंटी छोड़ भाग चुके थे. संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप के भी ओड़िशा या छत्तीसगढ़ भागने की खबर आयी. कई उग्रवादी पकड़े गये, जबकि कुछ मारे भी गये थे।