रेमडेसिविर कालाबाजारी मामला:पुलिस बन कर गई थी खरीदार,बेच रहा था 60 हजार में दो रेमडेसिविर,गिरफ्तार युवक निकला सदर अस्पताल का सपोर्ट स्टॉफ

–लोअर बाजार थाना में ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच के बाद कराई प्राथमिकी दर्ज, कोरोना जांच के बाद भेजा जाएगा जेल, रैकेट में और कौन लोग है शामिल इसकी कर रही है पुलिस जांच

राँची।राजधानी राँची में रेमडेसिविर इंजेक्शन के कालाबाजारी का एक और मामला सामने आया है। इस बार रेमडेसिविर बेचने वाला युवक सदर अस्पताल का सपोर्ट स्टॉफ ही निकला। जिसे लोअर बाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार युवक मिथिलेश कुमार मिश्रा और जो कांके रोड गांधी नगर मिसिरगोंदा का रहने वाला है। उसके पास से पुलिस ने दो रेमडेसिविर का इंजेक्शन बरामद किया है। जिसे वह पुलिस वाले को ही 60 हजार रुपए में बेचने वाला था। राँची पुलिस को सूचना मिली थी कि सदर अस्पताल से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है। इसके बाद पुलिस की एक टीम गठित की गई। टीम ने खरीदार बनकर मिथिलेश से संपर्क किया। दो रेमडेसिवर का सौदा 60 हजार रुपए में तय हुआ। इसके बाद पुलिस ने उसे रंगे हाथ रेमडेसिविर के दो इंजेक्शन के साथ पकड़ा। पकड़े जाने के बाद पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर को बुलाया। रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच की गई। उसका बैच नंबर से मिलान किया गया। इसके बाद मिथिलेश के विरुद्ध लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। गिरफ्तार मिथिलेश का पुलिस ने कोरोना जांच कराया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे जेल भेजा जाएगा।

मिथिलेश के पास कैसे पहुंचा रेमडेसिविर का इंजेक्शन चल रही है इसकी जांच

मिथिलेश को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसके पास कैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन आया इसकी जानकारी ली गई। पुलिस के अनुसंधान में यह बात निकलकर आ रही है कि जिस मरीज के लिए रेमडेसिविर का दूसरा डोज अलॉट हो रहा है अगर उसका निधन हो जा रहा है तो उसी अलॉटमेंट में कर्मचारियों के मिली भगत से ही ये कालाबाजारी हो रहा है। इस कालाबाजारी में और कौन कौन लोग शामिल है पुलिस इसका भी पता लगा रही है। हालांकि अभी मिथिलेश के अलावा पुलिस अन्य किसी को इस मामले में गिरफ्तार नहीं की है।

इस मामले की भी सीआईडी करेगी जांच

सीआईडी राँची में चल रहे रेमडेसिविर के कालाबाजारी की पहले से ही जांच कर रही है। कोतवाली थाना में दर्ज मामले को सीआईडी ने टेक ओवर कर लिया है। अब इस मामले को भी सीआईडी जल्द टेक ओवर कर सकती है। ताकि इस मामले में कौन कौन लोग शामिल है। इसकी पूरी पड़ताल की जा सके और दोषी गिरफ्तार हो सके।