रथयात्रा 2022:दो साल बाद राँची में निकलेगी ऐतिहासिक रथयात्रा,सभी को रथयात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं

राँची।दो साल बाद धूमधाम से आज राँची में ऐतिहासिक रथयात्रा निकलेगी। राँची में रथयात्रा को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद इसका आयोजन किया जा रहा है। जगन्नाथपुर के मुख्य मंदिर से मौसीबाड़ी के लिए निकाली गई रथ यात्रा में इस बार आम लोग भी शामिल हो पाएंगे।बता दें की इस बार रथ यात्रा के लिए 40 फीट ऊंची रथ का निर्माण किया गया है।

झारखण्ड की राजधानी राँची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर में श्री जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं का प्रसिद्ध व ऐतिहासिक मंदिर है।यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है।जगन्नाथपुर के इस मंदिर से हर साल आषाढ़ माह में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा उत्सव काफी प्रसिद्ध है।इसमें भारी संख्या में भक्त व श्रद्धालु शामिल होते हैं।यहां विशाल मेला लगता है।इस मेले में सभी प्रकार की समानें उपलब्ध होती हैं।कहा जाए तो जो सामान बाजार में भी उपलब्ध नहीं हो पाती वह भी यहां मिल जाती है।मेला लगभग 7 से 10 दिनों तक रहात है।इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा अर्चना होती रहती है।

प्रभु जगन्नाथ 16 दिनों के अज्ञातवास में रहने के बाद गुरुवार की शाम में प्रभु अपने भाई बालभद्र व बहन सुभद्रा के साथ दर्शन दिये।वहीं शाम 4:30 बजे नेत्रदान हुआ।

जगन्नाथपुर रांची का यह मंदिर धार्मिक सहिष्णुता और समन्वय का अद्भुत उदाहरण है।श्री जगन्नाथ के इस मंदिर का निर्माण पहाड़ी पर किया गया है जिसकी ऊंचाई लगभग 80-90 मीटर है।यह अल्बर्ट एक्का चौक से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण करीब 350 साल पूर्व सन् 1691 ई ० में नागवंशी राजा ठाकुर एनी नाथ शाहदेव ने किया था. इस मंदिर को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है।

अषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी आज (01 जुलाई) को रथ यात्रा निकाली जाएगी।इस पर्व के बारे में लोगों का मानना है कि इसमें बड़े सौभाग्य वालों को ही शामिल होने का मौका मिलता है। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों को सभी तीर्थों का फल मिल जाता है। जगन्नाथपुर में रथयात्रा के दौरान 10 दिनों तक मेला लगता है।इस मेले में आने वाले लोगों को कई चीज आकर्षित करती है लेकिन मिठाई के शौकीन लोगों के लिए जगन्नाथपुर मेले में कई ऐसे ही मिठाइयां हैं, जिसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाए। जगन्नाथपुर मेले में सबसे ज्यादा बिकने वाली मिठाइयों में पहले स्थान पर बालूशाही तो दूसरे नंबर पर गाजा और तीसरे पर खाजा है। इन तीनों मिठाइयों की मेले में जबरदस्त मांग होती है।

वहीं राजधानी राँची में होने वाले ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। एक जुलाई को रथ यात्रा और 10 जुलाई को घुरती रथ के दौरान ट्रैफिक रूट में बदलाव होगा इसके लिए ट्रैफिक एसपी ने आदेश जारी किया है। ट्रैफिक पुलिस की ओर से 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ट्रैफिक पुलिस ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए रूटमैप और पार्किंग स्थल तय कर लिए गए हैं।कुछ संस्थाएं के लोग भी यातायात व्यवस्था और मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ रहेंगे।इसके लिए संस्था की ओर से तैयारी की गई है।

बता दें राँची में भगवान जगन्नाथ की यात्रा के लिए 12 साल बाद नए भव्य रथ का निर्माण किया गया है। रथ को खींचने के लिए 101 फीट की रस्सी भी तैयार की गई है।इसी रथ पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ यात्रा पर निकलेंगे।पिछले दो महीने से ओडिशा के पुरी से आए 10 कारीगर दिन रात मेहनत कर रथ का निर्माण कर रहे थे। पुरी के कारीगरों ने बताया कि इस बार भगवान जगन्नाथ के लिए एक भव्य रथ तैयार किया गया है। जिसकी ऊंचाई 40 फीट है और चौड़ाई 26 फीट है।रथ को खींचने के लिए कम से कम 100 लोगों की जरूरत होगी।