Ranchi:टीपीसी उग्रवादी संगठन के प्रवक्ता ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर कहा भीखन गंझू को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करें पुलिस

राँची।उग्रवादी संगठन टीपीसी के मोस्ट वांटेड कमांडर भीखन गंझू को राँची पुलिस ने गिरफ्तार किया है।इसको लेकर टीपीसी उग्रवादी संगठन के प्रवक्ता सचिन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, कि चतरा के पिपरवार के चर्चित विस्थापित आम जनता के नेता भीखन गंझू को 15 मार्च की रात 11 बजे पूरे बाल बच्चे के साथ ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस टीपीसी संगठन के गुप्त बात और गोला-बारूद की मांग करने के लिए थर्ड डिग्री टॉर्चर और अमानवीय व्यवहार कर रही है।पुलिस सच बताने से आनाकानी कर रही है।यदि पुलिस कानून के रक्षक है तो भीखन को सार्वजनिक करने में क्यों डर रही है,भीखन विस्थापित प्रभावित पिपरवार प्रोजेक्ट एरिया का आम जनता के नेता है। पुलिस प्रशासन 24 घंटे के अंदर कोर्ट के समक्ष सुपुर्द नहीं करती है तो संगठन आंदोलन और अनिश्चितकालीन झारखण्ड बंद करेगी.

राँची पुलिस ने किया गिरफ्तार:

उग्रवादी संगठन टीपीसी के मोस्ट वांटेड कमांडर भीखन गंझू गिरफ्तार हुआ है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा को मिली गुप्त सूचना मिली एसएसपी की स्पेशल टीम ने कार्रवाई करते हुए टीपीसी कमांडर दस लाख इनामी भीखन गंझू को पंडरा से गिरफ्तार किया है।भीखन पंडरा क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। इसी दौरान राँची पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तार भीखन गंझू से पुलिस की टीम पूछताछ कर रही है.रांची पुलिस जल्द ही पूरे मामले का खुलासा करेगी।

जानिए कौन है भीखन:

भीखन गंझू सीसीएल कर्मी है। वह उग्रवादी समूह टीपीसी का कमांडर है. पिपरवार के अशोका, टंडवा के मगध- आम्रपाली परियोजना में टेरर फंडिंग की अहम कड़ी भीखन के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट की है. वह इस मामले में फरार है. वहीं नागालैंड से हथियार की तस्करी में भी एनआईए ने भीखन पर चार्जशीट दायर की है.

एनआईए ने भी भी किया मोस्ट वांटेड घोषित:

एनआईए ने कोल परियोजनाओं से टेरर फंडिंग और आर्म्स तस्करी समेत कई मामलों में टीपीसी के कमांडर भीखन गंझू की तलाश थी. लेकिन एक तरफ एनआईए व दूसरी तरफ पुलिस की रडार पर होने के बावजूद भीखन गंझू फिर से कोयला कारोबार में सक्रिय हो गया था. भीखन गंझू की भूमिका हाल में टंडवा में आगजनी की वारदात में भी सामने आयी थी. राज्य पुलिस ने भीखन गंझू पर 10 लाख का ईनाम रखा था. वहीं एनआईए को मगध आमप्राली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग, उग्रवादी परमेश्वर गंझू के यहां से लेवी राशि की बरामदगी व पूर्णिया आर्म्स रैकेट केस में भीखन गंझू की तलाश थी.