खबर का असर : बसों में भरकर मजदूरों को दूसरे जिला भेजे जाने के मामले में राँची उपायुक्त को शो काउज जारी

राँची: रांची उपायुक्त ने 29 मार्च को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम व किसी अजीम शेख की सिफारिश पर नौ गाड़ियों को पाकुड़, कोडरमा व साहेबगंज भेजने की अनुमति दी थी. जो लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन था. झारखण्ड न्यूज और एक अन्य समाचार एजेंसी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था. इसके बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए रांची डीसी राय महिमापत रे को शो काउज (कारण बताओ नोटिस) जारी किया है. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र ने इस खबर की पुष्टि की है.

ज्ञात हो कि रांची जिला प्रशासन ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और किसी आजिम शेख के कहने पर रांची से नौ बसों को दूसरे जिले में जाने की लिखित रूप से अनुमति दे दी. रांची डीसी राय महिमापत रे ने 29 मार्च को इससे संबंधित पत्र जारी किये थे।बसों से रांची में मजदूरी कर रहे लोगों को उनके घर जाने दिया गया. रांची डीसी के आदेश पर चार बस साहेबगंज, दो कोडरमा और पांच बसों को पाकुड़ जाने की अनुमति दी गयी.

ग्रामीण विकास मंत्री को अपने सरकार के कार्यों पर भरोसा नहीं?

एक ओर जहां माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन लगातार राज्य के लोगों और राज्य के बाहर दूसरे राज्यों में फंसे लोगों से नियम मानने के लिए कह रहे हैं, प्रेरित कर रहे हैं। रोज मीडिया या सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को संयम से रहने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। लोगों कह रहे हैं कि सरकार सभी की चिंता कर रही है, कोई भूखा नहीं रहेगा, सरकार व्यवस्था में डटकर लगी हुई है। प्रशासन दिन रात अपनी जान की चिंता न कर लोगों के लिए व्यवस्था में लगी हुई है, तो फिर राँची जिला प्रशासन द्वारा किस दबाव में लॉक डाउन के नियमों को तोड़ते हुए यह फैसला लिया गया? इसका जवाब राँची जिला प्रशासन ही दे सकती है। मामले में मंत्री श्री आलमगीर आलम सफाई देते नजर आ रहे हैं कि मजदूरों को तकलीफ थी, रहने के लिए जगह और खाने का तकलीफ था। यानी झारखण्ड सरकार के माननीय मंत्री आलमगीर आलम को अपनी ही सरकार के तैयारी और कार्यों पर भरोसा नहीं है? माननीय मंत्री के बयान के ठीक उलट था मजदूर का कथन। जब उन मजदूरों से पूछा गया था तो उस मजदूर ने साफ तौर पर कहा था कि हमे फोन कर बुलाया गया तभी हम निकले हैं, नहीं तो हमसब पिछले चार दिन से आराम से थे।

गृह मंत्रालय ने आवागमन पर पूर्णतः रोक लगायी है

29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से देश से सभी मुख्य सचिवों को एक निर्देश जारी किया गया है. निर्देश में इस बात का साफ उल्लेख है कि जिला प्रशासन सख्ती से दूसरे जगहों से आये लोगों की आवाजाही (Movment) पर रोक लगायेगा. उन्हें क्वारंटाइन से जुड़ी हर सुविधा देना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. मजदूरों के लिए रहने और भोजन की सुविधा भी जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. उनकी मजदूरी सुनिश्चित करना और उन्हें मकान मालिक घर से ना निकाले, इन सभी बातों का ख्याल सख्ती से जिला प्रशासन को रखना है। जिला प्रशासन अन्य मामलों में खरा उतरती दिखी, लेकिन राज्य के ग्रमीण विकास मंत्री के आगे क्यों मजबूर हो गए इसका जवाब राँची जिला प्रशासन ही दे सकती है।

जिला प्रशासन की एक गलती से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के किये इंतजाम पर पानी फेर सकती है। जिला प्रशासन को लॉक डाउन के नियमों को अनुपालन करना और कराना दोनो ही जिम्मेदारी निभानी थी लेकिन रांची जिला प्रशासन की तरफ से ऐसा नहीं किया गया. जिला प्रशासन ने साहेबगंज, पाकुड़ और कोडरमा जिले में मजदूर को बसों में भर कर जाने की अनुमति दी. जो कि गृह मंत्रालय के निर्देशों का साफ तौर से उल्लंघन है. यहां उल्लेखनीय है कि 29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से दो सीनियर आइएएस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही दो अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है.