पुलवामा हमला में शहीद वीर जवानों को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और सीआरपीएफ ने दी श्रधांजलि

14 फरवरी यानी शुक्रवार को पुलवामा हमले की पहली बरसी है। इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

सीआरपीएफ ने शहीदों को नमन करते हुए लिखा कि ‘तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था कि हम देर तक रोये नहीं।’ हम अपने उन भाइयों को सलाम करते हैं जिन्होंने पुलवामा में राष्ट्र की सेवा में अपने जीवन का बलिदान दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, पिछले साल हुए भीषण पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि। वे असाधारण व्यक्ति थे जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा और रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, भारत अपने वीर जवानों की शहादत कभी नहीं भूलेगा। पूरा राष्ट्र आतंक के खिलाफ खड़ा है। हम आतंक के खिलाफ अपनी इस लड़ाई को जारी रखेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह, पुलवामा हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि। भारत हमेशा हमारे बहादुरों और उनके परिवारों का आभारी रहेगा जिन्होंने हमारी मातृभूमि की अखंडता और सुरक्षा के लिए बलिदान दिया।

पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 गुरुवार
समय- दोपहर के 3:30 बजे

सीआरपीएफ की 78 बसें करीब 2500 जवानों को लेकर नेशनल हाईवे 44 से गुजर रही थीं। हर बार की तरह इस बार सड़क पर दूसरे वाहनों की आवाजाही को रोके बिना ये काफिला आगे बढ़ रहा था। बसों में बैठे कई जवान छुट्टी पर वापस अपने घर जा रहे थे।

तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रही बस में टक्‍कर मार दी। इसके बाद हुआ एक जबरदस्‍त धमाका, जिसमें बस के साथ जवानों के शरीर के परखच्‍चे भी उड़ गए। जवान कुछ समझ पाते या हमले का जवाब देने के लिए अपनी पॉजीशन ले पाते, इससे पहले उनके ऊपर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सीआरपीएफ जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की लेकिन आतंकी वहां से भागने में सफल हो गए।

कुछ ही देर में ये खबर मीडिया के जरिए पूरे देश में आग की तरह फैल गई। हर कोई इस हमले से गुस्‍से में था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह जवान सीआरपीएफ की 76 बटालियन से थे। इसके अलावा कई जवान घायल हो गए थे।