झारखण्ड में खाकी वर्दी भी सुरक्षित नहीं! असोसिएशन ने कार्रवाई की लगाई गुहार।

राज्य में पुलिसकर्मियों के ऊपर हो रहे हमले को लेकर झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की सरकार से की मांग.

रांची:झारखंड में आए दिन पुलिसकर्मियों के ऊपर हो रहे जानलेवा हमला और भीड़ द्वारा मारपीट करने के मामले में झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए सरकार से मांग की है कि पुलिसकर्मियों पर आए दिन हो रहे जानलेवा हमला और भीड़ द्वारा अवैध कार्रवाई की प्रवृत्ति पर रोक लगाने का ठोस कदम उठाया जाए तथा ऐसे तत्वों को दंडित किया जाए जो भोले भाले जनता को बरगला कर इस तरह की कार्रवाई करने में मदद करते हैं तथा उसे राजनीतिक दलों को भी पुलिसिया कार्रवाई में अनावश्यक हस्तक्षेप न करने की हिदायत दी जाए.यदि पुलिसकर्मियों के ऊपर इस तरह से हमले नहीं रुके तो राज्य में विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण में कठिनाई होगी तथा राज्य के विकास और शांति के लिए खतरा उत्पन्न हो जाएगा.

पाकुड़ हमले में घायल हुए पुलिस पदाधिकारी की हालत गंभीर:-

पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा चौक पर छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ ने किया हमला और पुलिस वाहन को आक्रोशित लोगों ने पलटने के बाद आग आग लगा दी थी. पुलिस ने बल प्रयोग किया तो भीड़ ने किया पथराव शुरू कर दिया था मोबाइल चोरी के एक मामले में पुलिस टीम छपेमारी करने गयी थी, तभी भीड़ उग्र हो गयी थी. भीड़ के हमले में एएसआइ रमेश सिंह गंभीर रूप से घायल हुए थे. रमेश सिंह की स्थिति गंभीर देखते हुए उनको रांची मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां वह जीवन और मौत से जूझ रहे हैं.

झारखंड में खाकी भी सुरक्षित नहीं है:-

झारखंड में खाकी भी सुरक्षित नहीं है. आये दिन राज्य के अलग-अलग जिलों में उग्र भीड़ के द्वारा पुलिस के साथ नोकझोंक और पुलिस के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं.पिछले चार महीने की अगर बात करें तो राज्य के अलग-अलग जिले में उग्र भीड़ के द्वारा पुलिस के साथ मारपीट करने की छह घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इससे स्पष्ट है झारखंड में इन दिनों आम लोगों को लॉ एंड ऑर्डर की परवाह नहीं है.

आम लोग जिला पुलिस के खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं:-

आम लोग जिला पुलिस के खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं. राज्य की सड़कों पर पुलिस के साथ विवाद तो आम बात है, लेकिन अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उग्र लोग पुलिस टीम पर हमला कर रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं. पुलिस के वाहनों में आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.इन घटनाओं से एक बात और भी स्पष्ट है कि आम लोग कानून को अपने हाथ में उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं. हाल के दिनों में एक और बात सामने आयी है कि घटना के बाद मामले में पुलिस की सख्ती भी आम लोगों के खिलाफ बढ़ी है. पुलिस अफसर मामले में केस भी दर्ज करवा रहे हैं और आम लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भी भेज रही है.