किताबों के जरिए बोया गया हिन्दुओं के प्रति जहर,पढ़ाया जा रहा था कट्टरता का पाठ, चार पर FIR दर्ज,प्राचार्य ने दिया इस्तीफा

डेस्क टीम
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में सरकारी लॉ कॉलेज में किताबों के जरिए धार्मिक कट्टरता फैलाने का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। बीते शुक्रवार शाम को कुछ छात्रों ने एक किताब को लेकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि इस किताब में लिखा है- हिंदू मुख्य आतंकवादी हैं। साथ ही विश्व हिंदू परिषद, RSS को लेकर भी आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। हालांकि किताब लिखने वाली प्रोफेसर का कहना है कि किताब एक साल पहले विवादों में आई थी तब मैंने पब्लिशर को माफीनामा लिखा था साथ ही किताबों की प्रतियां बाजार से वापस बुलवाने के बारे में भी लिखा था। कुछ किताबें लाइब्रेरी में रखी रह गई होंगी, जिसे अब राजनीतिक रंग देते हुए पेश किया जा रहा है।

इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हंगामे के बाद शासकीय नवीन लॉ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ इनामुर्रहमान ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि किताबें पुरानी हैं, मेरी जानकारी में नहीं है किया लिखा है। फिर भी हंगामे से आहत होकर मैं इस्तीफा दे रहा हूं। बता दें कि इंदौर में विभिन्न कॉलेजों में लॉ की प्रोफेसर रहीं डॉ. फरहत खान की लिखी पुस्तक को लेकर शासकीय नवीन लॉ महाविद्यालय के छात्रों ने एक दिन पहले हंगामा किया था। किताब लिखने वाली लेखिका पर भी छात्र संगठनों ने प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।

लॉ कॉलेज के छात्रों ने भंवरकुआं थाने में आवेदन भी दिया है। जिसमें किताब के लेखक, लॉ कॉलेज के प्राचार्य और एक शिक्षक पर केस दर्ज करने की मांग की है। अब इसे लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दिए हैं। मिश्रा ने कहा कि खान की पुस्तक की जांच कर 24 घंटे में एफआईआर करने के लिए इंदौर कमिश्नर को आदेश दिए गए हैं। जिस किताब को लेकर विवाद गर्माया हुआ है उसका नाम हे सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति, इसकी लेखिका हैं डॉ. फरहत खान और प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, एमजी रोड, इंदौर है।

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने कमिश्नर इंदौर को डॉ. फरहत खान की पुस्तक की जांच करने और दोषी होने पर 24 घंटे में एफआईआर करने का कहा है। मिश्रा ने कहा कि जिस देश में रहते हैं। जिस देश का खाते हैं। फिर देश के खिलाफ लिखने के लिए इतना जहर कहां से लाते हैं यह मुझे समझ में नहीं आता। उन्होंने बताया कि मामले में पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

बता दें इस मामले में इंदौर पुलिस को शिकायत की गई थी। जिसमें लिखा गया है कि राष्ट्र विरोधी मुहिम के तहत पुस्तक में हिंदू धर्म एवं आरएसएस के खिलाफ झूठे तथ्यों का उल्लेख किया गया। ताकि मुस्लिम छात्रों में हिंदू धर्म के विरुद्ध नफरत फैलाने की भावनाओं को भड़का कर देश में आतंरिक गृह युद्ध छेड़ कर राष्ट्र की संप्रभुता एवं आंतरिक सुरक्षा पर कुठाराघात किया जा सके। फिलहाल मामले में पुलिस जांच कर रही है।

खबर के अनुसार,कॉलेज की छात्राओं ने मीडिया को बताया कि क्लास में मुस्लिम लड़के हिंदू लड़कियों को टारगेट करते हैं। फर्स्ट और सेकंड सेमेस्टर में हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाने का काम होता है। इसमें कुछ धर्म विशेष की लड़कियां भी साथ देती हैं। वो ही हिंदू लड़की का उनके धर्म के लड़के से परिचय करवाती हैं।

क्या है मामला:
डॉ. फरहत खान की किताब में लिखा गया है कि हिंदू संप्रदायवाद विध्वंसकारी विचारधारा के साथ उभर रहा है। विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन हिंदू बहुमत का राज्य स्थापित करना चाहता हैं। दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहता हैं। वह किसी भी बर्बरता के साथ हिंदू राज्य की स्थापना को उचित ठहराता है। हिंदुओं ने हर संप्रदाय से लड़ाई का मोर्चा खोल रखा है। पंजाब का सच आज यह है कि मुख्य आंतकवादी हिंदू हैं और सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहा है। हिंदुओं के जितने भी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संगठन बने हैं। उनका एक मात्र उद्देश्य देश के मुसलमानों का विनाश करना है और शूद्रों को दास बनाना है। हिंदू पद बादशाही कायम करना है और हिंदू राजतंत्र का शासन वापस लाकर ब्राह्मण को पृथ्वी का देवता बनाकर पूज्य बनाना है।

इधर मामले में डॉ. फरहत खान ने कहा है कि ये पुस्तक मैंने 2020 में लिखी थी, इस पर उसी समय आपत्ति भी आई थी तो मैंने पब्लिशर को माफीनामा भी लिखकर दिया था। साथ ही आग्रह किया था कि वे इस पुस्तक की प्रतियां बाजार से वापस बुलवा लें। हालांकि कोई पुस्तक लाइब्रेरी में पहुंच गई होगी तो उसे बुलवाना मुश्किल होता है। हालांकि उसके बाद मैंने किताब को रीराईट कर दिया था।