श्रद्धालुओं से भरी पिकअप अनियंत्रित होकर नदी में गिरी,तीन की मौत 21 घायल..

रोहतास।महाशिवरात्रि पर रोहतास के प्रसिद्ध गुप्ताधाम जा रहे श्रद्धालुओं की पिकअप नदी में गिर गई। हादसे में 3 लोगों की मौत हुई है। 21 घायल हैं। 5 की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि पिकअप में 24 श्रद्धालु थे। हादसा शुक्रवार सुबह 5 बजे हुआ। सभी श्रद्धालु गुप्ताधाम में बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने जा रहे थे।बताया जा रहा है कि गायघाट की पहाड़ी के पास पिकअप अनियंत्रित होकर 20 फीट नीचे दुर्गावती नदी में गिर गई। सभी काराकाट थाना क्षेत्र से पिकअप में सवार होकर गुप्ताधाम जा रहे थे।स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस की सूचना पर पहुंची एंबुलेंस के जरिए घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से कुछ गंभीर रूप से घायलों को सदर अस्पताल सासाराम के लिए रेफर कर दिया गया है।

इधर चेनारी थानाध्यक्ष ने बताया कि गाड़ी दुर्गावती नदी में जा गिरी है। इससे तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 21 लोग घायल हैं। तीनों शव निकाले जा चुके हैं। उनकी पहचान नहीं हो सकी है। तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, सासाराम भेजा गया है।

घायलों में उमा देवी 27 साल, लक्ष्मीनर देवी 29 साल, जूही 23 साल, सूर्यकांती कुमारी 22 साल, दीपू कुमार 10 साल, अंशु कुमार 15 साल, प्रिति कुमारी 17 साल, मनीकालो देवी 45 साल, सरस्वती देवी 40 साल, नेहा कुमारी 25 साल, अंजनी कुमार 16 साल, मनोज कुमार 32 साल एवं अन्य शामिल हैं। सभी घायल काराकाट थाना क्षेत्र के रेड़िया, मुहवारी, तेलारी, लखनौल, गेरा, तुर्की सकला बाजार गांव के हैं।

गुप्ताधाम में शिव का मंदिर

बिहार के रोहतास की कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित ऐतिहासिक गुप्ताधाम में महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। एक सप्ताह पहले से ही यहां पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।

महाशिवरात्रि पर लगभग एक लाख लोगों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वन विभाग ने दुर्गावती डैम चैक नाका से धाम तक जाने वाली सड़क पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर रखा है। करीब 5 राज्यों से यहां शिवभक्त पहुंचते हैं।गुप्ताधाम में शिव जी पर जल चढ़ाने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

कैमूर की पहाड़ियों में बसे गुप्ताधाम मंदिर को जानिए

गुप्ताधाम कैमूर की पहाड़ी के जंगलों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए पहाड़ों से होकर गुजरना पड़ता है। इस पहाड़ से दुर्गावती नदी गुजरती है। मंदिर पहुंचने के बाद शिवलिंग तक जाने के लिए अंधेरी गुफा से होकर रास्ता जाता है। यहां बक्सर से गंगाजल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने की परंपरा है।गुफा में घोर अंधेरा होता है, बिना किसी लाइट के अंदर जाना संभव नहीं है। पहाड़ी पर स्थित इस पवित्र गुफा के द्वार पर जाने के बाद सीढ़ियों से नीचे उतरना पड़ता है। गुफा में लगभग 363 फीट अंदर जाने पर बहुत बड़ा गड्ढा है, जिसमें सालभर पानी रहता है। इसलिए इसे ‘पातालगंगा’ कहते हैं।

इस मंदिर के बारे में ये भी बताया जाता है कि भस्मासुर से भयभीत होकर भगवान शिव को भागना पड़ा था तो वह इसी धाम की गुफा में आकर छुपे थे। भगवान विष्णु ने पार्वती का रूप धारण करके भस्मासुर को अपने सिर पर हाथ रखकर नृत्य करने का प्रस्ताव रखा था।देवी पार्वती से शादी करने के लालच में भस्मासुर ने जब अपने सिर पर हाथ रखकर नृत्य शुरू किया, तो भगवान शिव से प्राप्त किए गए वरदान के कारण वह जलकर भस्म हो गया।