पलामू:मुख्य सड़क की जर्जर हालत से नाराज है जनता,गुरुवार को तीन दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग सड़क उतरे,बनाया मानव श्रृंखला….

मोहम्मदगंज।झारखण्ड के पलामू जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र का अति महत्वपूर्ण पंसा-हैदरनगर मुख्य पथ की जर्जर हालत से नाराज ग्रामीणों ने निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को सड़क पर उतर गये।इसमें मोहम्मदगंज प्रखंड पंसा से लेकर हैदरनगर के इस्लामगंज तक करीब 36 ग्राम व टोलों के हजारों ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला के रुप में करीब दस किलोमीटर तक बनाकर रोड नहीं वोट नहीं का नारा को बुंलद किया।

इसमें शामिल लोग पंसा पंचायत सचिवालय से शंखनाद कर चेचरिया, खरखोल, रामबांध, हसनपुर, रहमानिया हाई स्कूल मोड़, कोसीआरा, बलडिहरी, केवाल, कनौदा होते इस्लामगंज मोड़ तक करीब दस किलोमीटर चलकर हैदरनगर के पंसा मोड़ तक आये।जिसमें आम अवाम, महिलाएं, पुरुष, नौजवान व कई पंचायतों के वर्तमान व पूर्व प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया है। इस आंदोलन का नेतृत्व मोहम्मदगंज के जिला परिषद सदस्य अंजू देवी, मुखिया अबू नसर सिद्दिकी व विकास कुमार सिंह, जिप प्रतिनिध युवा समाजसेवी अश्विनी कुमार सिंह ,सत्येंद्र सिंह,उपप्रमुख नगीना सिंह,के अलावे मुजीबुद्दीन खान,आशफाक खान, मो. वसीम खान ने किया।

हैदरनगर पंसा मोड़ पर नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए वक्क्ताओं ने कहा कि इस अंतर जिला व अंर्तराज्यीय पथ का वर्षों से सरकार व प्रतिनिधियों ने मरम्मति व जीर्णोद्धार के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर सरकारी राशि के साथ बलात्कार करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अब आगे कभी भी ग्रामीण इस का बलात्कार नहीं होने देंगे। उन्होंने एकमात्र इस पथ के आरसीडी नव निर्माण कराने की मांग को लेकर केन्द्र सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडगरी, सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व परिवहन मंत्री मिथिलेश ठाकुर, क्षेत्रीय विधायक कमलेश कुमार सिंह व पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम के नाम हजारों ग्रामीणों का हस्ताक्षरयुक्त आवेदन भी प्रेषित किया है। जिसमें स्पष्ट किया है कि इस पथ के आरसीडी निर्माण के सिवाय अन्य कोई कार्य स्वीकार्य नहीं होगा।उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की आवाज़ को राज्य व केन्द्र सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।

इससे पूर्व आंदोलित ग्रामीणों का हस्ताक्षर अभियान भी एक माह से जारी है। ज्ञात हो कि यह पथ झारखंड की सबसे लंबी पुल पलामू व गढ़वा जिला की सीमा पंसा व सुंडीपुर गांव के समीप जोड़ती है। किंतु इस पथ बड़े वाहनों को क्या दोपहिया भी चलना मुश्किल है। इसी मार्ग में उतर कोयल नहर का पुल कोसीआरा गांव के समीप जानलेवा बनी है। उन्होंने कहा कि पथ के आरसीडी नहीं कराये जाने से 120 करोड़ रुपये की लागत से बनी कोयल नदी का पुल से गढ़वा, पलामू जिले के अलावे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की यात्रा में कम समय व दूरी लोगों का सपना बना है।जनप्रतिनिधियों को प्रेषित आवेदन के अनुसार वर्ष 2019 में उक्त पथ का निर्माण के लिए झारखण्ड सरकार द्वारा पथ का सर्वेक्षण कराकर डीपीआर तैयार कर केंद्रीय निरूपण संगठन पथ निर्माण विभाग झारखंड राँची में तकनीकी स्वीकृति के लिए फाइलों में दबा पड़ा है।

इस मौके पर शुभम सिंह,पप्पू खान,गुड्डू खान,संतोष मेहता,चंदन,विकास सिंह,भरत सिंह,पप्पू सिंह,मनोज सिंह,अजित सिंह,धर्मेन्द्र सिंह,कामेश्वर सिंह ,एजाज अंसारी सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल थे।
रिपोर्ट-सोनल सिंह…