वाराणसी में अब सीएनजी से चलेंगी नावें:गेल (इंडिया) लिमिटेड ने सीएनजी स्टेशनों के डिजाइन और अभियांत्रिकी एवं जेटी पर डिसपेंसिंग सुविधा का काम मेकॉन को सौंपा है

राँची।वाराणसी में डीजल व पेट्रोल से चलने वाली नाव(जहाज) को सीएनजी से चलाने का काम अपने चरण में है।देशहित के काम के लिए गेल (इंडिया) लिमिटेड ने सीएनजी स्टेशनों के डिजाइन और अभियांत्रिकी एवं जेटी पर डिसपेंसिंग सुविधा का काम मेकॉन को सौंपा है I इस कार्य के हो जाने के उपरांत, वाराणसी नगर निगम के अंतर्गत आने वाली डीजल / पेट्रोल ईंधन से चलने वाली नावें सीएनजी ईंधन से चलने लगेंगी एवं इसका सीधा अनुकूल असर पर्यावरण पर पड़ेगा I इसके तहत 5 नावों के साथ परिक्षण भी शुरू कर दिया गया है। मेकॉन परिवार इस प्रतिष्ठित परियोजना के साथ जुड़ कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है I नौकाओं के रूपांतरण को मेकॉन ने अपनी सीएसआर गतिविधि के हिस्से के रूप में लिया है। यह प्रयास, भारत में अपनी तरह का पहला है। शनिवार को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री माननीय धर्मेंद्र प्रधान ने इस परियोजना की समीक्षा ली।

केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने शनिवार को बनारस के खिड़किया घाट पर बने सीएनजी स्टेशन का निरीक्षण किया और सीएनजी से चलने वाली नाव की टेस्टिंग कराई। इस मौके पर धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि टेस्टिंग पूरी तरह से सफल रही है। जल्द ही प्रधानमंत्री इसका शुभारंभ करेंगे. आपको बता दें कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान वाराणसी के दो दिन के दौरे पर हैं. शनिवार को उन्होंने खिड़किया घाट विस्तारीकरण और सुंदरीकरण का निरीक्षण किया है.

केन्द्रीय मंत्री धमेन्द्र प्रधान शनिवार को संत रविदास मंदिर में दर्शन-पूजा करने के बाद खिड़किया घाट पहुंचे. धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि सीएनजी के उपयोग से नाविकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।साथ ही गंगा का प्रदूषण भी कम होगा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उर्जा गंगा की शुरूआत पीएम ने काशी से ही की थी. काशी में घरेलू ईधन तो पाइप में मिल गया।

केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेन्द्र प्रधान ने कहा, पीएम की कल्पना है कि गंगा में चलने वाली नाव, डीजल की बजाय सीएनजी से चलें ताकि नाविकों की बचत हो सके. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा अब तकनीकी रूप से गंगा के अंदर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि गेल और मेकन इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।

धमेन्द्र प्रधान ने कहा कि बनारस का स्मार्ट सिटी के तहत सुंदरीकरण किया जा रहा है।काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर हो, गंगा के घाट हों या खिड़किया घाट सभी संजोए जा रहे हैं।हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी काशी की विरासत को आधुनिक समय के लिहाज से सजाया जा रहा है ताकि लोगों को आध्यात्मिक पर्यटन के लिहाज से सुदंर स्थान उपलब्ध कराया जा सके।