Khunti:भतीजे ने रची थी हत्या की साजिश,गांव वालों के साथ मिलकर चाचा और उनके बेटे-बहू को मार डाला,पाँच गिरफ्तार,कई आरोपी फरार है..

खूँटी।झारखण्ड के खूँटी जिले के अड़की थाना क्षेत्र के कोदेलेबे गांव में हुए एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कोदेलेबे गांव के ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा, बेटा सिंगा मुंडा उर्फ बुधराम और बहु मानी हरिबिना की हत्या ग्रामीणों ने मिलकर की थी।हत्या के आरोप में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गांव के ही सिंगराय हरिबिना, चंबरा चुटिया पूर्ति, बिरसा हरिबिना, विकराय हरिबिना और जोबोर चुटिया पूर्ति शामिल हैं। इसमें सिंगराय हरिबिना मृतक बयार सिंह मुंडा का भतीजा है।इस सम्बंध में सोमवार को एसपी कार्यालय सभागार में एसपी अमन कुमार ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी।

ग्राम प्रधान का आपराधिक इतिहास रहा है!

एसपी अमन कुमार ने पत्रकारों को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने हत्याकांड की बात को स्वीकार कर लिया है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि घटना के एक दिन पूर्व मंगलवार को गांव में बैठक की गयी थी।इसमें ग्राम प्रधान पर हमला करने की योजना बनायी गयी थी,लेकिन बारिश होने के कारण बुधवार को फिर से बैठक हुई।बुधवार को बैठक करने के बाद उसी दिन शाम को तीनों की हत्या कर दी गयी।हत्या करने के पीछे बयार सिंह मुंडा का आपराधिक इतिहास रहा है। माओवादी कमांडर कुंदन पहान के दस्ते के साथ उसका संबंध था। जिसमें वह 2011 में जेल गया था।ग्रामीणों का मानना था कि उसी के कारण माओवादी गांव में आते हैं और ग्रामीणों को परेशान करते हैं।बयार सिंह मुंडा ग्रामीणों के साथ गलत तरीके से पेश आता था।मारने-पीटने की धमकी देता था।वहीं बयार सिंह मुंडा का भतीजा सिंगराय हरिबिना ग्राम प्रधान बनना चाहता था। सिंगराय हरिबिना के पिता को ग्राम प्रधान बनना था, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण भाई बयार सिंह मुंडा को ग्राम प्रधान बनाया गया था। सिंगराय को ग्राम प्रधान बनने की इच्छा थी। इसी को लेकर बैठक में बयार सिंह मुंडा और उसके बेटे की हत्या किये जाने का निर्णय लिया गया था।

ग्राम प्रधान का एक महिला से अवैध सम्बंध था

बताया कि मृतक ग्राम प्रधान बयार सिंह मुंडा का डाड़ी गांव की एक महिला के साथ अवैध संबंध भी था। इसे लेकर भी ग्रामीण नाराज थे। ग्रामीणों का मानना था कि ग्राम प्रधान होकर गलत आचरण कर रहा है।

तीनों की हत्या में कई लोग शामिल हुए

पूछताछ में बताया कि ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने में कोदेलेबे गांव के 16-17 परिवार शामिल थे। जिसमें 30 से अधिक लोग शामिल थे। कई लोग गांव छोड़कर भाग गये हैं।दूसरे गांव के भी दो-तीन लोग थे।एसपी अमन कुमार ने बताया कि गांव में एसी भारत कुटुंब परिवार के सात परिवार हैं।घटना को अंजाम देने में एसी कुटुंब परिवार और अन्य सभी लोग शामिल थे। गांव के सिर्फ दो-तीन परिवार ही घटना को अंजाम देने में शामिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि सभी ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। इसलिए ग्रामीण घटना को छुपाने के प्रयास में थे।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि पुलिस को सूचना नहीं दी जायेगी।

घटना में शामिल ज्यादातर लोग गांव छोड़कर भाग गया है

तिहरे हत्याकांड को ग्रामीणों ने मिलकर अंजाम दिया था।इसलिए कोई कुछ नहीं बता रहा था।वहीं गांव के ज्यादातर लोग फरार हो गये हैं।पुलिस ने विभिन्न लोगों से पूछताछ के आधार पर हत्याकांड का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि पूछताछ में लोगों के बयान का मिलान कर निष्कर्ष पर पहुंची। मामले में डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गयी थी।

हत्याकांड की छानबीन के लिए एसडीपीओ अमित कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था।आरोपियों के गिरफ्तारी में एसडीपीओ अमित कुमार, अड़की थाना प्रभारी नरसिंह मुंडा, मुरहू थाना प्रभारी पंकज कुमार दास, सायको थाना प्रभारी रितेश कुमार महतो और अड़की, मुरहू और सायको थाना के अधिकारी तथा सशस्त्र बल शामिल थे।