Jharkhand:जेएमएम के दो पूर्व विधायक ने पार्टी से दिया इस्तीफा

राँची।झारखण्ड में जेएमएम के दो पूर्व विधायक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।राँची जिले की सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक अमित कुमार और उनकी पत्नी सीमा महतो ने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा से त्यागपत्र दे दिया है। दोनों नेताओं ने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को पत्र भेजकर इसकी सूचना दी है। अमित कुमार ने शिबू सोरेन को लिखे पत्र में कहा है कि 2014 के चुनाव के दौरान वह झामुमो की टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे। उम्मीद थी कि पार्टी झारखण्डी भाषा, माटी, संस्कृति को बचाने, बढाने में बड़ी भूमिका अदा करेगी। सरकार बनने बावजूद ऐसा दिख नहीं रहा।भाषाई अतिक्रमण जारी है। भोजपुरी, मगही जैसी भाषाओं को बनाए रखने और तुष्टिकरण के नाम पर यहां की नौकरियों में बाहरी लोगों को मौका मिलना तय है। खतियान आधारित नियोजन और स्थानीय नीति बनाने में पार्टी ने गंभीरता नहीं दिखाई है। हेमंत सरकार बने दो साल हो गए हैं फिर भी इस दिशा में पहल नहीं दिखी। बताया कि गत 20 जनवरी को उन्होंने घोषणा की थी कि अगले एक माह में स्थानीय और नियोजन नीति पर बात नहीं होने पर वह इस्तीफा दे देंगे। अपेक्षित पहल नहीं होने पर वह अपना त्यागपत्र दे रहे हैं।

बताया जा रहा है कि अमित कुमार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था। पति-पत्नी दोनों आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को हरा कर विधानसभा पहुंचे थे।

अमित कुमार ने कहा कि उन्हें 10 वीं व 12वीं पास आधारित नियोजन नीति स्वीकार्य नहीं है। अमित ने अपने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि झामुमो सरकार के द्वारा अब तक खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति परिभाषित नहीं की गई है। भाषाई अतिक्रमण पर भी विराम नहीं लगाया जा सका है। इससे वह आहत हैं और पार्टी से इस्तीफा दे रहे है।झारखण्डी माटी और भाषा से उन्हें प्यार है। इससे वह कतई समझौता नहीं करेंगे। पत्नी सीमा महतो ने भी इन्हीं विषयों के साथ अपनी भावनाओं को जाहिर करते पार्टी से इस्तीफा दिया है।

इधर अमित कुमार के इस्तीफे से झारखण्ड छात्र मोर्चा में बड़ी टूट की आशंका पैदा हो गई है। अमित महतो ने लंबे समय तक झारखण्ड छात्र मोर्चा के लिए काम किया है। संगठन में अलग-अलग जिलों व प्रमंडल में पदाधिकारी बनाए गए कई छात्र नेता सीधे अमित महतो के संपर्क में हैं। ऐसे में पार्टी के छात्र संगठन को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।