Jharkhand:रामनवमी और सरहुल का जुलूस इस बार भी नहीं निकलेगा,मुख्यमंत्री ने दिए संकेत

राँची।झारखण्ड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को एक पर एक कई बड़े फैसले का एलान किया।वहीं सीएम ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बढ़ने के चलते इस बार रामनवमी और सरहुल जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गई है।झारखण्ड विधानसभा में सीएम का संबोधन में संकेत दे दिए है।उन्‍होंने कहा कि इस बार रामनवमी सरहुल जुलूस नहीं निकलेगा।कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर सरकार गम्भीर है।विधानसभा बजट सत्र के अपने समापन भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने संकेत दिये है कि रामनवमी और सरहल के जुलूस पर रोक रहेगी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा कि झारखण्ड में कोरोना फिर से पांव पसारने की कोशिश कर रहा है।दूसरी लहर की बात सामने आ रही है।इसलिए हमें सतर्कता के साथ आगे बढ़ना होगा।कोरोना को देखते हुए मुख्यमंत्री ने डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ बैठक भी की है और पदाधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए है।मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सोमवार को 100 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं जो चिंता का कारण है।साथ ही उन्होंने अभी सबसे अधिक पलायन करने वाला जिला गिरीडीह है, जहां एक भी करोना के केस नहीं है।यह भी देखा जा रहा है ऐसा क्यों है।

वहीं सीएम ने कहा कि बालू खरीदने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन पैसा जमा कीजिये। 785 रुपये प्रति 100 सीएफटी और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट जमा कीजिये, बालू सीधे आपके घर पहुंचेगी। यह पोर्टल आम जनता की सहूलियत के लिए डेवेलप किया गया है। बालू की यही दर सरकार ने निर्धारित की है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्‍य के सभी बुजुर्गों को पेंशन दिया जाएगा। सभीा 24 जिले में मेडिकल कॉलेज खुलेगा। विपक्ष ने पांच साल में टेढ़ी-मेढ़ी लकीर खींची, हम उसे सीधा कर रहे हैं। बिजली के सवाल पर सीएम ने कहा कि डीवीसी हम पर आंखें तरेरता है, आप विपक्ष हमें सहयोग करें। कोयला का बकाया वसूलने में सहयोग करें। सब ठीक हो जाएगा। सीएम ने आगे कहा कि यह नौकरी का साल होगा। विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक राज्य हित में है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। यह चिंता का विषय है। आपदा प्रबंधन विभाग के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया है। कुछ दिनों के बाद समीक्षा के बाद गंभीर निर्णय लूंगा।

इधर सरकार ने योजना सह वित्त विभाग को दो हिस्सों में बांट दिया है। ग्रामीण विकास विभाग को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पिछली सरकार ने विभागों की संख्या कम कर दी थी, जिसे फिर से बढ़ाया गया है। अब योजना एवं विकास विभाग और वित्त विभाग के कार्य और दायित्व अलग अलग होंगे। वहीं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और एनआरईपी विभाग भी अलग अलग चलेगा।

सरकार ने एक बार फिर प्रदेश में विभागों की संख्या बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। कैबिनेट विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रस्ताव के अनुसार योजना सह वित्त विभाग को दो हिस्सों में बांटा जाएगा जबकि ग्रामीण विकास विभाग को तीन हिस्सों में। इस बंटवारे पर मुहर कैबिनेट की बैठक में लगेगी। ज्ञात हो कि पिछली सरकार ने विभागों की संख्या कम कर दी थी जिसे लेकर अब कठिनाई महसूस की जा रही है।

कैबिनेट विभाग की ओर से तैयार संलेख के अनुसार, योजना सह वित्त विभाग अब दो हिस्सों में बंट जाएगा। पूर्व में अधिकारियों की कमी को देखते हुए विभागों की संख्या को कम कर दिया गया था और एक समान कार्यों के लिए एक ही विभाग तय कर दिए गए थे। बिहार से अलग होने के बाद जहां झारखंड में 40 विभाग कार्यरत थे वहीं अब 31 विभाग चल रहे हैं।

वर्तमान परिस्थिति में विभागों के बीच समनवय स्थापित करने और कार्यों के निष्पादन में कठिनाई को देखते हुए विभागों की संख्या बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसे में झारखंड कार्यपालिका नियमावली 2000 को एक बार फिर संशोधित करते हुए विभागों की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

इस क्रम में योजना सह वित्त विभाग को दो हिस्सों क्रमश: योजना एवं विकास विभाग और वित्त विभाग में बांटने का प्रस्ताव है जबकि ग्रामीण विकास विभाग को तीन हिस्सों में। पहला हिस्सा पूर्व की तरह ग्रामीण विकास विभाग होगा, दूसरा हिस्सा ग्रामीण कार्य विभाग और तीसरा हिस्सा पंचायत राज एवं एनआरईपी विभाग। किस विभाग के पास कौन सा काम होगा, यह भी बांटने की तैयारी की जा रही है।