Jharkhand:बंधक बनाए युवक को छुड़ाने गए पुलिस पर लोगों ने किया पथराव,पुलिस ने छोड़े आंसू गोले और आधा दर्जन फायरिंग हुई,युवक को छुड़ाया गया,गांव में तनावपूर्ण माहौल

साहेबगंज/राजमहल। झारखण्ड के साहेबगंज जिले से बड़ी खबर है।जहां बंधक बनाए गए युवक को मुक्त कराने पहुंची पुलिस टीम पर भीड़ ने जमकर पथराव किया। पुलिस ने उपद्रवियों को भगाने के लिए आंसू के गोले करीब आधा दर्जन गोलियां चलाई।वहीं युवक को मुक्त कराया। घटना राजमहल थाना क्षेत्र की है।

बताया जा रहा है कि शनिवार शाम जामनगर हापु टोला निवासी मोहम्मद ऐनुल की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी, मगर उसके परिजनों ने डुबोकर मारने का आरोप लगाया था। रविवार सुबह उधवा से लौट रहे पूर्व मुखिया हरिबोल मंडल के पुत्र को जामनगर मंगलहाट के पास समुदाय विशेष के लोगों ने धक्का मारने का आरोप लगा पकड़ लिया। फिर पिटाई कर बंधक बना लिया। बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी। सूचना पर पहुंची पुलिस पहुंची थी। फिलहाल जामनगर में दोनों पक्षो के बीच तनाव है। इलाके में जवानों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी शांति व्यवस्था में जुटे हैं।

पुलिस के पहुंचते कर दिया हमला

बचाने के लिए पुलिस दल वहां जाने लगी तो एक बार फिर भीड़ के द्वारा पुलिस पर पथराव किया जाने लगा। बचाव एवं रक्षा में पुलिस के द्वारा 5-6 चक्र गोली भी चलाई गई तथा आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इसके बाद पुलिस युवक उज्जवल को वहां से सुरक्षित छुड़ा कर थाने ले आई। एसडीपीओ अरविंद कुमार सिंह लगातार घटनास्थल पर मौजूद रहकर पुलिस बल को निर्देश देते हुए दिखे। क्षेत्र के लोगों का कहना हैं कि सुबह की घटना काफी खेदजनक है और किसी भी समुदाय के लोगों को ऐसी विषम परिस्थिति में संयम बरतते हुए आपसी सौहार्द को कायम रखना चाहिए। क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती से क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है।

युवक की माैत के बाद शुरू हुआ हंगामा

बीते शनिवार की शाम जामनगर के हापु टोला के युवक मोहम्मद ऐनुल के तालाब में डूबने से हुई मृत्यु पर ग्रामीणों में हुए उबाल का असर दूसरे दिन रविवार को भी देखा गया। जब क्षेत्र के पूर्व मुखिया हरिबोल मंडल के पुत्र उज्जवल सरकार रविवार को लगभग साढ़े दस बजे उधवा से दवा लेकर लौट रहे थे तो जामनगर मंगलहाट के पास उसकी बाइक से क्षेत्र के एक युवक को धक्का लग जाने का आरोप लगाते हुए हजारों की संख्या में एक समुदाय के लोगों के द्वारा युवक उज्जवल को घंटों पकड़ कर रखा गया तथा मारा पीटा गया। जब उसके भाई चिरंजीव सरकार भी उसे छुड़ाने के लिए गए तो वहां मौजूद लोगों ने कहा कि कल उन लोगों के पक्ष के द्वारा उसके पक्ष के एक व्यक्ति को तालाब में डूबा कर मार दिया गया है, इसलिए हम लोग भी इसे नहीं छोड़ेंगे। चिरंजीव सरकार के द्वारा लोगों को कहा गया कि दवा में जो भी खर्च होगा उसे दें देंगे। बावजूद इसके वह लोग नहीं माने। अंत में उसे पुलिस की शरण में जाना पड़ा।