नए मॉडल में पुरानी कार: फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, महागठबंधन के गलियारों में आई बहार

पटना। बिहार में नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीति ने फिर से सब को चौंका दिया है। यह उनका कौशाल ही है की बिहार में किसी भी पार्टी की सरकार बनें लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनते हैं. जैसे की 2015 में राजद से और 2020 के विधानसभा में भाजपा से कम सीट मिलने के बावजूद दोनों ही पार्टियों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया और अब 2022 में एक बार फिर से महागठबंधन के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने आज आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. नीतीश कुमार के साथ साथ तेजस्वी यादव ने भी बिहार के उप मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ली है। राज्यपाल फागु चौहान ने दोनों को राजभवन में शपथ दिलाई।

तेजस्वी ने पैर छूकर लिया आशीर्वाद

राज भवन में शपथग्रहण समारोह के के बाद तेजस्वी यादव ने पांव छूकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आशीर्वाद लिया।नीतीश कुमार ने शपथ लेने के बाद कहा की मैं चुनाव के बाद सीएम नहीं बनना चाहता था. बीजेपी के साथ जाने से हमें नुकसान हुआ और पिछले दो महीने से हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे थे।

नौजवानों के लिए करेंगे काम 

शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व सीएम राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव, तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव सहित कई नेता मौजूद रहे। समारोह के बाद राबड़ी देवी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहा कि बिहार और देश की जनता के लिए यह बहुत अच्छा हुआ है. बिहार की जनता बहुत खुश है। वहीं तेजप्रताप यादव ने कहा कि सरकार में नौजवानों के लिए काम करने आए हैं।

164 विधायक का समर्थन

राजभवन में मंगलवार को नीतीश कुमार ने विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी राज्यपाल को सौंपा इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनके साथ सात पार्टियों का समर्थन है. जिसमें 164 विधायक हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक का भी उन्हें सपोर्ट है. इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा था की भाजपा का काम सिर्फ छोटे दलों को नष्ट करना है. अब बार बिहार में ऐसा नहीं होगा. बिहार में सभी पार्टियों का हमे समर्थन है. ऐसे में विधानसभा में विपक्ष पर भाजपा अकेले बैठे नजर आएगी.