ईडी की पूछताछ में विजय हांसदा ने कहा-पंकज मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज कराने पर एसपी कार्यालय से धमकी दी गई थी,और झूठे मामले में भी फंसाया

राँची।झारखण्ड में अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक गवाह विजय हांसदा ने ईडी को बताया है कि पंकज मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर साहिबगंज पुलिस ने उन्हें धमकी दी थी और बाद में उन्हें झूठे अपराधिक मामले में फंसाया गया था।साहिबगंज जेल में बंद विजय हांसदा ने ईडी से पूछताछ के दौरान यह बात कही।उन्होंने ईडी को यह भी बताया कि वह पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ अपना मामला जारी रखना चाहते हैं, जिन पर उन्होंने अवैध खनन करने का आरोप लगाया था।जिला पुलिस ने उन्हें पिछले महीने उनके बेटे मनोज हांसदा के साथ कथित रूप से ग्रामीणों को धमकाने के आरोप में आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।

साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से धमकी दी गई थी

सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान विजय हांसदा ने दावा किया कि पंकज मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की हिम्मत करने पर उन्हें साहिबगंज के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय से धमकी दी गई थी। आर्म्स एक्ट मामले में गिरफ्तारी से पहले विजय हांसदा ने दावा किया था कि पुलिस उन्हें जबरन अपने साथ ले गई थी। बाद में उन्हें एक आपराधिक मामले में अपनी गिरफ्तारी के बारे में पता चला।गौरतलब है कि विजय हांसदा ने अवैध खनन का विरोध करने पर पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ मारपीट और गाली-गलौज करने के लिए ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराई थी,लेकिन जब पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई,तो उन्होंने राजमहल अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिनसे 7 जुलाई को स्थानीय पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया लेकिन एफआईआर नहीं हुई और इसी बीच साहिबगंज पुलिस ने उन्हें एक अलग मामले में गिरफ्तार कर लिया।हाल ही में जब स्थानीय पुलिस की मंशा पर सवाल उठे तो दुमका रेंज के डीआईजी ने दावा किया कि विजय हांसदा ने लिखित में शिकायत को झूठा बताकर वापस ले लिया था। इसलिए कोर्ट के आदेश के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई।लेकिन कुछ दिनों के भीतर विजय हांसदा ने एक लिखित स्पष्टीकरण जारी किया और इस बात से इनकार किया कि उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सादे कागजों पर उनके हस्ताक्षर जबरदस्ती लिए थे और उसी का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया गया था।