मैं हूँ को-रोना:राँची के व्यवसायी के घर में एक सप्ताह तीन मौत,कई सदस्य गम्भीर थे,जान बचाने के लिए अलग अलग रह रहे थे

राँची।देश में कोरोना महामारी के आंकड़ों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो रही है।वहीं झारखण्ड में भी कोरोना का कहर जारी है।हर जिले में कोरोना का विस्फोट होते जा रहा है।लेकिन राज्य के राजधानी राँची में तो मानो कोरोना गली गली में मंडराने लगा है।तकरीबन सभी थाना क्षेत्र के मुहल्ले कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं।हर दिन कोरोना के मामले नया रिकॉर्ड बना रहे हैं।हालात ऐसे बन गए हैं कि चिताओं को जलाने के लिए श्मशान घाटों में जगह कम पड़ रही है।शवों को जलाने के लिए कतार में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।इसी बीच राँची के साउथ ऑफिसपाड़ा में एक हृदय विदारक घटना सामने आई हैं।

बताया जा रहा है कि डोरंडा के श्यामली कॉलोनी में एक ही घर में 7 दिनों के अंदर 3 मौत हो गई है। परिवार में कई सदस्यों की गंभीर स्थिति थी।परिवार के एक सदस्य का राम प्यारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जान बचाने के लिए परिवार के सदस्य अलग-अलग रह रहे थे। सात भाई का खुशहाल परिवार है। तीन भाई डोरंडा में एक ही आर्पाटमेंट में रहते है।जिसमें सबसे बडे भाई नारायण घोष है।उसके बाद छह भाई मेंं क्रमश: दिलीप घोष, गणेष घोष, माणिक घोष, गौतम घोष, रविंद्र घोष और विजय घोष।

सात भाई में से दो भाई की मौत हो गई।इनमें से दिलीप घोष, गणेष घोष के साथ माणिक घोष की पत्नी स्मति घोष की मौत एक सप्ताह के अंदर हो गई।गौतम घोष कोलकाता में रहते है।रविंद्र घोष और विजय घोष परिवार के साथ तुपुदाना में रह रहे हैं।परिवार में कई सदस्य कोरोना से संक्रमित है।नारायण घोष अभी अभी निगेटिव हुए हैं. परिवार के अन्य सदस्यों का इलाज शहर के अस्पताल और पारिवारिक डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है।

साउथ ऑफिसपाड़ा में है स्वीट्स, बेकरी सहित कई कारोबार

श्यामली कॉलोनी के रोड नंबर-1 में घोष परिवार परिचय का मोहताज नहीं है।साउथ ऑफिसपाड़ा में घोष परिवार कई कारोबार से जुडा हुआ है. मंजूश्री स्वीट्स एंड बेकरी सहित कई कारोबार है।स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले दिलीप घोष की मौत हुई।उसके बाद गणेष घोष और अगले ही दिन गणेश की पत्नी की मौत हो गई। जिसके बाद से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।मंजूश्री स्वीस्ट्स एंड बेकरी सहित सभी दुकाने पिछले एक सप्ताह से बंद हैं।

पिछले साल धनबाद में एक ही परिवार के छह सदस्यों की कारोना से हुई थी मौत

धनबाद के कतरास के चाैधरी परिवार पर पिछले साल कोरोना का कहर टूटा था. एक के बाद एक परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई थी।झारखण्ड ही नहीं, देश में अपने तरह की इकलौती ऐसी मनहूस घटना थी, जिसमें कोरोना से एक ही परिवार में छह लोगों की मौत हो गई थी।एक पखवारे के अंदर कोरोना ने एक हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया. चाैधरी परिवार कतरास का सुखी-संपन्न, अग्रणी परिवारों में है।धनबाद, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के रायपुर में कारोबार है, लेकिन कोरोना के आगे चौधरी परिवार पूरी तरह लाचार हो गया था।