Happy Dussehra 2021:आज दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है,विजयादशमी की ढेरों शुभकामनाएं..

विजयादशमी की ढेरों शुभकामनाएं🙏🙏

राँची।आज दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। विजय दशमी या दशहरे का त्योहार अधर्म पर धर्म की जीत एवं अन्याय पर न्याय की विजय के रूप में मनाया जाता है।यह पर्व प्रेम, भाईचारा, और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस बार दशहरा आज 15 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा आज 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है। दशहरा के दिन लंका के राजा रावण, भाई कुंभकर्ण एवं पुत्र मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। देशभर में होने वाली रामलीलाओं का अंतिम दिन भी दशहरा को ही होता है। पुतला दहन के साथ रामलीलाओं का समापन होता है। बंगाल, बिहार समेत देश के कई राज्यों में दुर्गा पूजा का भी समापन विजयादशमी के दिन होता है, हालांकि माँ दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन मुहूर्त पर निर्भर करता है।

विजयादशमी 2021 पूजा मुहूर्त

इस वर्ष विजयादशमी का पावन पर्व सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग में है। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06:22 बजे से सुबह 09:16 बजे तक और रवि योग पूरे दिन है। ऐसे में आप विजयादशमी की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में करें तो उत्तम है। हालांकि दशहरा को अभिजित मुहूर्त दिन में 11:44 से दोपहर 12:30 बजे तक है। इसमें भी आप पूजा कर सकते हैं। लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा अच्छा रहेगा। विजयादशमी के दिन देवी अपराजिता की पूजा होती है।

सीता का हरण करने वाले लंका के राजा रावण का वध आश्विन शुक्ल दशमी को किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार भीषण युद्ध के बाद दशमी को रावण का वध हुआ और श्रीराम ने लंका विजय प्राप्त की, इसलिए इस दिन को विजयादशमी या दशहरा के रुप में मनाया जाता है। वहीं,माँ दुर्गा ने महिषासुर के साथ 10 दिनों तक भीषण संग्राम किया और आश्विन शुक्ल दशमी को उसका वध कर दिया। इस वजह से भी उस दिन को विजयादशमी के रुप में मनाया जाने लगा। ये दोनों ही घटनाएं बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैं।