फर्जीवाड़ा:व्यवसाय के लिए जमीन मॉरगेज रख 45 लाख लोन लिया,खाता एनपीए हो गया,जब बैंक गिरवी जमीन कब्जे में लेने गई तो पता चला उसे भी आरोपी ने बेच दिया।

●बैंक की बड़ी चूक : व्यवसाय के लिए जमीन मॉरगेज रख 45 लाख लोन लिया, खाता एनपीए हो गया, जब बैंक गिरवी जमीन कब्जे में लेने गई तो पता चला उसे भी आरोपी ने बेच दिया।

●मामला यूनियन बैंक अॉफ इंडिया महावीर चौक शाखा का, शाखा प्रबंधक ने आरोपी अभिषेक ट्रेडिंग के प्रोपराइटर भगवान भारती व ममता देवी के विरुद्ध कोतवाली थाना में एक अक्टूबर को फर्जीवाड़ा की दर्ज कराई प्राथमिकी

राँची।बैंक की लापरवाही से आम जनता की गाढ़ी कमाई को कैसे लोग लोन लेकर उसका दुरुपयोग करते है इसका ताजा नमूना कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित यूनियन बैंक अॉफ इंडिया महावीर चौक शाखा में सामने आया है। जहां से व्यवसाय करने के लिए जमीन गिरवी रख 45 लाख रुपए लोन तो लिया गया, लेकिन लोन की राशि वापस नहीं की गई और खाता एनपीए हो गया। जब लोन की राशि चुकता नहीं हुई तो बैंक ने कार्रवाई शुरू की। गिरवी जमीन को अपने कब्जे में लेने के लिए बैंक ने प्रक्रिया शुरू की। लेकिन आरोपियों ने उसे भी बिना बैंक की अनुमति के बेच डाला।अब बैंक को न अपने पैसे मिले और न ही गिरवी रखी जमीन। इस मामले में यूनियन बैंक अॉफ इंडिया महावीर चौक शाखा के शाखा प्रबंधक विनय कुमार सिंह ने दो आरोपियों अभिषेक ट्रेडिंग के प्रोपराइटर भगवान भारती और ममता देवी के विरुद्ध फर्जीवाड़ा सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इधर मामला दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस ने भी अनुसंधान शुरू कर दिया है।

सीमेंट-छड़ के व्यवसाय के लिए 47 डिसमिल जमीन बैंक में गिरवी रख लिया था 45 लाख का लोन

बैंक के शाखा प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार नीलांचल कंपाउंड सरदार बैटरी लेन निकट रंगोली स्वीट्स हेहल निवासी व अभिषेक ट्रेडिंग के प्रोपराइटर भगवान भारती व ममता देवी ने अपनी 47 डिसमिल जमीन जो रातू थाना क्षेत्र के बैलगी में थी उसके दो डीड यूनियन बैंक अॉफ इंडिया में बंधक रख सीमेंट व छड़ व्यवसाय के लिए 45 लाख रुपए का लोन वर्ष 2015 में लिया। लोन का अनुमोदन बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर दीपा गुप्ता द्वारा किया गया। समय पर अदायगी नहीं होने की वजह से 30 जून 2019 को लोन एकाउंट एनपीए हो गया। इसके बाद बैंक ने लोन वसूली की कार्रवाई शुरू की। बैंक ने अभिषेक ट्रेडिंग के प्रोपराइटर को 60 दिन का समय राशि भुगतान करने के लिए दिया। लेकिन जब राशि का भुगतान नहीं किया गया।तब बैंक ने उक्त बंधक रखी जमीन को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की। जब बैंक जमीन को कब्जे में लेने गई तो पता चला कि 47 डिसमिल जमीन में से 40 डिसमिल जमीन को बैंक के बिना अनापत्ति पत्र लिए तीन अलग अलग बिक्री डीड के माध्यम से बेच दिया गया। बैंक को जब इस फर्जीवाड़ा की जानकारी मिली तब बैंक ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।

जांच में पत्नी के एकाउंट में भी मिली अनियमितता

बैंक ने जब आरोपी भगवान भारती की पत्नी ममता देवी के एकाउंट की जांच कराई तो पता चला कि उनको भी 15 सितंबर 2017 को 40 लाख रुपए का कैश क्रेडिट ऋण सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। ममता देवी ने तब ऋण राशि का भुगतान कर दिया तो 29 अप्रैल 2019 को खाता बंद हो गया। इसके बाद बैंक द्वारा ममता देवी के खाते की इंटरनल जांच अपने अधिकारी विक्टर मुर्मू द्वारा कराई गई तो पता चला कि उसमें भी कई अनियमितताएं है। अब बैंक के शाखा प्रबंधक का कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।