बूढ़ा पहाड़ पर पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़,एक बंकर ध्वस्त,एक हजार किलो चावल,50 किलो दाल सहित कई समान बरामद..

लातेहार।झारखण्डं और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे बूढ़ा पहाड़ पर सोमवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच करीब चार घंटे तक गोलीबारी हुई। बूढ़ा पहाड़ में हुई गोलीबारी की आवाज बूढ़ा पहाड़ से सटे कुजरूम गांव तक सुनाई पड़ी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। इसमें सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के एक बंकर को ध्वस्त कर दिया। सुरक्षाबलों ने इस बंकर से काफी मात्रा में नक्सलियों के खाने-पीने का सामान बरामद किया है।

बताया जाता है कि नक्सलियों के बंकर से सीरीज लैंड माइंस 30, प्रेशर कूकर लैंड माइंस 01, केन लैंड माइंस 03, सिरिंज लैंड माइंस 05, चावल एक हजार किलो, दाल 50 किलो, आटा 05 किलो, पालीथिन बड़ा साईज 10, नक्सल साहित्य, भारी मात्रा में दवा मिली है।

पुलिस पदाधिकारियों ने गोलीबारी की पुष्टि करते हुए बताया कि माओवादियों के खिलाफ बूढ़ा पहाड़ को खाली कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान सोमवार को पुलिस को कई सफलता मिली है। बताया कि बंकर में काफी मात्रा में सामान रखा हुआ था जिसे बरामद किया गया है। सामान की बरामदगी के बाद बंकर को ध्वस्त कर दिया गया है। झारखण्ड और छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ का क्षेत्र 55 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

बूढ़ा पहाड़ झारखण्ड के लातेहार और गढ़वा तथा छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटा क्षेत्र है, जो माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। माओवादियों ने वर्ष 2013-14 में बूढ़ा पहाड़ को अपना मुख्यालय बनाया था। सुरक्षा बल के जवान बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं। पुलिस पदाधिकारियों ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने तक अभियान निरंतर जारी रहेगा।

अभियान के लिए पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में हेलीकाप्टर की तैनाती की गई है। इसके माध्यम से जवानों को रसद पहुंचाई जा रही है और पूरे अभियान पर नजर रखी जा रही है। अभियान के लिए बूढ़ा पहाड़ से सटे हुए इलाके में सुरक्षाबलों ने दर्जनों ट्रैक्टर को रिजर्व में रखा है। ट्रैक्टर के माध्यम से ही जवानों को कई तरह की सामग्री और टेंट पहुंचाई गई है। बूढ़ा पहाड़ के इलाके में अभियान के लिए 20 से अधिक अस्थाई कैंप भी बनाए गए हैं। इन कैंप तक सामग्री को पंहुचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल और छत्तीसगढ़ के भी सुरक्षाबल शामिल हैं। अभियान को लेकर कोबरा सीआरपीएफ के टाप अधिकारी पलामू में कैंप कर रहे हैं। जबकि पलामू में आपरेशन का वार रूम बनाया गया है।