ईडी ने कैबिनेट सचिव के पत्र का दिया जवाब,कहा-कारण पूछने का राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं…

राँची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखण्ड की कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल के पत्र का जवाब भेजा है।जिस पत्र के माध्यम से वंदना डाडेल ने बीते 11 जनवरी को जानकारी मांगी थी, कि राज्य के सरकारी अधिकरियों को भेजे गये समन के पीछे के पूरे मामले को स्पष्ट करें।ईडी ने वंदना डाडेल को भेजे पत्र में कहा है,कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के किसी भी अधिकारी से जानकारी मांगने और समन जारी करने का कारण पूछने का राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है। ईडी भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करता है।इसे जांच के लिए राज्य सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है।

बता दें झारखण्ड कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने ईडी को पत्र लिखकर यह जानकारी मांगी थी, वह राज्य सरकार के अफसरों को किस आधार पर पूछताछ के लिए समन कर रही है।इस पत्र में उन्होंने सरकारी पदाधिकारियों पर दर्ज प्रेडिकेट ऑफेंस और उनके खिलाफ किन मामलों में पूछताछ होनी है, इसकी जानकारी ईडी से मांगी थी। उन्होंने अपने पत्र में यह भी जानना चाहा था,कि इन अधिकारियों से संदिग्ध के तौर पर पूछताछ होगी या गवाह के तौर पर।इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी मांगी थी।गौरतलब है कि कैबिनेट ने अपनी बैठक में राज्य के बाहर की एजेंसियों से समन या नोटिस से जुड़े मामलों में मंत्रिमंडल, सचिवालय व निगरानी विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है। नोडल एजेंसी के सचिव के तौर पर वंदना दादेल ने ईडी से पत्राचार किया था।

कई अफसरों को ईडी ने किया था समन

ईडी ने हाल के दिनों में साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू, उत्पाद विभाग के अधिकारी गजेंद्र सिंह, साहिबगंज के पूर्व एसपी और वर्तमान में डीआईजी कार्मिक नौशाद आलम को पूछताछ के लिए समन किया था।सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों को समन के बाद पुलिस मुख्यालय और उत्पाद विभाग ने ईडी को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था, कि इन अफसरों के खिलाफ दर्ज प्रेडिकेट ऑफेंस क्या है और किन मामलों में इन अधिकारियों से पूछताछ होनी है।