ईडी ने विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में किया है कई खुलासा: पूर्व सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने कबूला, हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन हड़पने में की उनकी मदद,कैसे बनी रणनीति ……

 

–ईडी के समक्ष 18 मार्च 2024 को अभिषेक प्रसाद ने दर्ज कराया था अपना बयान, हेमंत सोरेन व उनके परिवार की दो अन्य अचल संपत्तियों के बारे में भी दी है ईडी को जानकारी

–8.86 एकड़ जमीन वर्ष 2010 से ही था हेमंत सोरेन के कब्जे में

–रंजीत सिंह के माध्यम से पास के एक अन्य जमीन को भी हड़पने की थी योजना

–ईडी ने चार्जशीट मे बताया 8.86 एकड़ जमीन की कीमत 31 करोड़

–236 करोड़ की अचल संपत्ति अबतक ईडी कर चुका है जब्त

–हेमंत ने पूछताछ में कहा था जमीन उनकी नहीं, दस्तावेज के बारे में कोई जानकारी नहीं

–बर्ड आटोमोटिव नामक शोरूम में हेमंत स्वयं गए थे बीएमडब्ल्यू खरीदने

 

राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व अन्य चार के विरुद्ध 30 मार्च को पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने दाखिल चार्जशीट में कई सनसनीखेज खुलासा किया है। ईडी ने चार्जशीट में कोर्ट को जानकारी दी है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के तत्कालीन प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने बड़गाई अंचल के बरियातू स्थित 8.86 एकड़ जमीन हड़पने में उनको सहयोग किया। अभिषेक प्रसाद ने 18 मार्च 2024 को ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार किया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही सीएमओ में कार्यरत अपने पीए उदय शंकर को बरियातू की स्थित 8.86 एकड़ जमीन की नापी व उसका विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। उदय शंकर सीएमओ में अभिषेक प्रसाद के पीए के रूप में काम करता था। अभिषेक प्रसाद ने पूर्व मुख्यमंत्री की दो अन्य अचल संपत्तियों का भी ईडी के समक्ष खुलासा किया है। उसने उदय शंकर को उन दोनों अचल संपत्तियों के संबंध में भी सत्यापन करने का निर्देश उदय शंकर को वाट्सएप पर दिया था, जिसकी जांच अब ईडी कर रहा है। उसने ईडी को पूछताछ में बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर जब उदय शंकर को बरियातू की उक्त जमीन के सत्यापन का निर्देश दिया तो उदय शंकर ने बड़गाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार को उक्त जमीन का सत्यापन करने को कहा। इसके बाद तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार ने तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को सीएमओ के उक्त आदेश को निष्पादित करने का निर्देश दिया था। भानु प्रताप प्रसाद उक्त अचल संपत्ति पर अवैध कब्जे से जुड़ी गतिविधियों में हेमंत सोरेन की मदद कर रहा था।

8.86 एकड़ जमीन वर्ष 2010 से ही था हेमंत सोरेन के कब्जे में

ईडी ने विशेष अदालत को बताया है कि बरियातू स्थित उक्त 8.86 एकड़ जमीन वर्ष 2010 से ही हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे में थी। वे इस जमीन को कानूनी रूप से कब्जा में लेने के लिए फर्जी कागजात बनाना चाहते थे। इसके लिए हेमंत सोरेन ने अपने आर्किटेक्ट और करीब विनोद कुमार की सलाह पर वहां बैंक्वेट हाल बनाने की योजना बनाई थी। अभिषेक प्रसाद ने ने ईडी के समक्ष यह भी खुलासा किया है कि 12 अक्टूबर 2022 में उन्होंने उदय शंकर को वाट्सएप पर दो अन्य संपत्तियों के सत्यापन का निर्देश दिया था, जो हेमंत सोरेन व उनके परिवार से संबंधित थी।

रंजीत सिंह के माध्यम से पास के एक अन्य जमीन को भी हड़पने की थी योजना

ईडी ने कोर्ट को चार्जशीट में यह भी बताया है कि बड़गाईं अंचल में छापेमारी के दौरान एक भूरे रंग की फाइल मिली थी, जो 44 पेज की लीज दस्तावेज से संबंधित थी। यह लीज 21 दिसंबर 2011 को चंद्रिका पाहन, बिरसा पाहन व अन्य की एक रंजीत सिंह नामक व्यक्ति के साथ हुई थी। रंजीत सिंह का पता हरमू हाउसिंग कालोनी के सोना सोभरन मेमोरियल सोसाइटी है। ईडी ने छानबीन में पाया कि रंजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के पार्टनरशिप एग्रिमेंट का हिस्सा है। ईडी को जो फाइल मिली है, उसपर सीएमओ पिंटू अर्जेट लिखा हुआ है। पिंटू का नाम लिखकर पेन से काटा गया है। उक्त फाइल में कई हस्तलिखित नोट व अन्य दस्तावेज थे। ईडी ने जांच में पाया है कि मामला केवल 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित ही नहीं, बल्कि उस जमीन के अगल-बगल की एक अन्य जमीन को भी सीधे तौर पर हड़पने की योजना से संबंधित है। इसमें हेमंत सोरेन अपने करीबी रंजीत सिंह के माध्यम से इन सभी अचल संपत्तियों को हड़पने की योजना बना रहे थे।

ईडी ने चार्जशीट मे बताया 8.86 एकड़ जमीन की कीमत 31 करोड़

बरियातू की 8.86 एकड़ हड़पने की कोशिश मामले में ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उक्त जमीन को अस्थाई तौर पर जब्त भी किया है। जिसकी कीमत करीब 31 करोड़ रुपए बताई गई है। उसी दिन हेमंत ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने 30 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके दोस्त सह आर्किटेक्ट विनोद कुमार सिंह, बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, राजकुमार पाहन व हिलेरियस कच्छप के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने चार अप्रैल को उक्त आरोप पत्र पर संज्ञान ले लिया है।

236 करोड़ की अचल संपत्ति अबतक ईडी कर चुका है जब्त

ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के तहत जमीन घोटाला में जांच शुरू की थी। ईडी ने जांच में पाया कि राज्य में भू-माफिया का एक रैकेट सक्रिय है जो जमीन के मूल दस्तावेज में हेराफेरी कर फर्जी कागजात तैयार करता है और उसे हड़पता है। इस मामले में ईडी ने 51 छापेमारी व नौ सर्वे भी किया। इसमें ईडी ने भू-राजस्व विभाग की जाली मुहरें, भूमि के जाली दस्तावेज, अपराध की आय के सबूत, जालसाजी की तस्वीरें, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के सबूत आदि जब्त किए। इस छापेमारी में ईडी ने 1.25 करोड़ रुपये नकदी व बैंकों में 3.56 करोड़ रुपये जब्त की। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से 36.34 लाख रुपये, एक बीएमडब्ल्यू कार भी जब्त किया गया। जमीन घोटाले में पूर्व में ईडी ने अबतक 236 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी तौर पर जब्त किया है। वहीं, अब तक पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राँची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, प्रेम प्रकाश सहित 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जमीन घोटाला प्रकरण में पूर्व में 12 जून 2023 व एक सितंबर 2023 को भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। ईडी का अभी अनुसंधान इस मामले में जारी है।

हेमंत ने पूछताछ में कहा था जमीन उनकी नहीं, दस्तावेज के बारे में कोई जानकारी नहीं

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी बयान गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था। पूछताछ के दौरान बरियातू स्थित 8.86 एकड़ जमीन, बरामद दस्तावेज और राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से खुद को अनभिज्ञ बताया था। पूछताछ में उन्होंने यह भी बताया था कि उक्त जमीन न जमीन है, न ही वे जब्त दस्तावेज के बारे में वे जानते हैं। ईडी ने 29 जनवरी को दिल्ली स्थित उनके आवास से छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए थे। उन्होंने ने यह भी कहा था कि उनका भानु प्रताप प्रसाद से कोई संपर्क नही है। हालांकि, पूछताछ में उन्होंने यह स्वीकार कर लिया कि दिल्ली स्थित शांति निकेतन से 28 जनवरी की रात अपनी ब्लू रंग की बीएमडब्ल्यू कार से निकले थे। उक्त कार हरियाणा में पंजीकृत है, जिसे अगले दिन 29 जनवरी को छापेमारी के दौरान ईडी ने जब्त किया था।

बर्ड आटोमोटिव नामक शोरूम में हेमंत स्वयं गए थे बीएमडब्ल्यू खरीदने

ईडी ने कोर्ट को दी जानकारी में बताया है कि पूछताछ के दौरान हेमंत सोरेन ने यह स्वीकार किया कि दिल्ली स्थित उनके आवास से जो बीएमडब्ल्यू कार मिली थी उसका संचालन वे करते थे। उक्त कार का पंजीयन नंबर एचआर26ईएम-2836 है। ईडी की छानबीन में यह भी खुलासा हुआ कि उक्त बीएमडब्ल्यू कार को खरीदने के लिए बर्ड आटोमोटिव नामक शोरूम में हेमंत स्वयं गए थे। उक्त कार मेसर्स भगवानदास होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई थी। उसका चालक झारखंड भवन नई दिल्ली में कार्यरत है। चालक ने भी ईडी के सामने स्वीकार किया है कि उक्त बीएमडब्ल्यू कार हेमंत सोरेन की निजी कार है।