रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव: 2019 की हार व वोटों की गणित से एनडीए एकजुट,आजसू के सुनीता चौधरी चुनावी मैदान में उतरी..

झारखण्ड के रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक पार्टियों क रेस तेज हो गयी है।शुक्रवार को एनडीए ने अपने प्रत्याशी की घोषणा की।इस उपचुनाव में आजसू की सुनीता चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया।वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सुनीता चौधरी आजसू टिकट पर चुनावी मैदान में थी। लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने उसे 28,718 वोट से हरा कर विधायक बनी थी।लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी को आईपीएल गोलीकांड में सजा मिलने के बाद यह सीट खाली हुई और इसी के तहत उपचुनाव हो रहे हैं।बता दें कि सुनीता चौधरी आजसू के गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी है।

हार का बदला लेने चुनावी मैदान में उतरी

2019 के चुनाव में हुए वोटों की गणित को देखते हुए एनडीए ने इस बार कोई रिस्क लेना नहीं चाहा और एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया।शुक्रवार को आजसू प्रवक्ता देवशरण भगत ने एनडीए प्रत्याशी के तौर पर सुनीता चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने की जानकारी दी। बता दें कि वर्ष 2019 के रामगढ़ विधानसभा चुनाव में सुनीता चौधरी आजसू पार्टी की प्रत्याशी थी।पार्टी ने एक बार फिर सुनीता चौधरी पर अपना भरोसा जताया। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी विजयी रही थी।ममता देवी को 999, 44 वोट मिला था, वहीं आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी 71,226 वोट लेकर दूसरे स्थान पर थी।सुनीता 28,718 वोट से हारी थी।पिछले विधानसभा चुनाव की हार का बदला लेने इस बार फिर चुनावी मैदान में है। तीसरे स्थान पर बीजेपी प्रत्याशी रंणजय कुमार उर्फ कुंटु बाबू थे इन्हें मात्र 31,874 वोट मिले थे।

मालूम हो कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग 27 फरवरी को और काउंटिंग दो मार्च, 2023 को है। 31 जनवरी, 2023 को अधिसूचना जारी होने के साथ चुनावी सरगर्मी बढ़ गयी। प्रत्याशियों के नामांकन करने की अंतिम तारीख सात फरवरी है. इसी को लेकर राजनीतिक दल अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारने शुरू कर दिये हैं।