जेल में बंद कैदियों के नाम पर साइबर अपराधी कर रहें परिजनों से ठगी

राँची।साइबर ठग नए-नए तरीकों को अपना कर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इस बार साइबर ठगों ने जेल में बंद कैदियों का डेटा चुराकर उनके परिजनों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। हाईटेक साइबर ठगों ने राँची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद आधा दर्जन कैदियों के परिजनों चोट लगने की झूठी सूचना देकर उपचार के नाम पर उनके रिश्तेदारों से ठगी कर ली है।इस मामले में जेल में बंद धुर्वा निवासी दिलीप मुंडा की पत्नी को एक व्यक्ति ने फोन किया। उसे दिलीप मुंडा के घायल होने की खबर दी। दिलीप के इलाज के नाम पर फोनकर्ता ने उससे दस हजार रुपए की ठगी कर ली। जब महिला ने पति का हाल लेने के लिए जेल प्रशासन से संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि उसके पति के साथ ऐसी कोई घटना ही नहीं घटी है। वहीं मामले की जानकारी जेल प्रशासन को मिली है। जेल प्रशासन इस मामले में महिला से लिखित आवेदन देने को कहा है। प्रशासन का कहना है कि आवेदन आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कैदी दिलीप को लगे हैं 12 टांगे, इलाज के लिए तुरंत दें पैसा

पीड़ित महिला ने जेल प्रशासन को बताया कि उसे एक व्यक्ति ने बुधवार की सुबह नौ बजे फोन किया। उनसे खुद को जेलकर्मी बताया। फोनकर्ता ने उससे कहा कि उसके पति दिलीप मुंडा जेल की छत से नीचे गिर गए हैं। उन्हें काफी चोट लगी है। उनके सिर पर 12 टांगा लगा है। उसकी स्थिति काफी गंभीर है। पैसों के आभाव में उसके इलाज में परेशानी हो रही है। इसलिए दस हजार रुपए अविलंब दें। फोनकर्ता की बात सुनकर वह परेशान हो गई। ठग ने उससे अपना फोन पे का नंबर दिया और राशि ट्रांसफर करने को कहा। आनन-फानन में पीड़िता ने ठग के अपने फोन पे से 22 सौ रुपए की राशि तुरंत ट्रांसफर कर दी। इसके बाद पीड़िता ने अपने रिश्तेदारों को बोलकर ठग के खाते में कुल सात हजार रुपए ट्रांसफर करवाया। पीड़िता रात में जब दिलीप का हाल जानने के लिए जेल कर्मी से संपर्क किया। प्रशासन ने उन्हें बताया कि दिलीप के साथ ऐसी कोई घटना नहीं घटी है। वह बिल्कुल स्वस्थ है। पीड़िता ने जेल प्रशासन को फोन पर मामले की पूरी जानकारी दी। गुरुवार को महिला ट्रांसफर की गई राशि के साथ जेल के अधिकारियों से मिली। जेल प्रशासन ने उन्हें एक आवेदन देने को कहा।

दो दिन पहले पति से मिल कर गई थी पत्नी

महिला ने बताया कि वह मंगलवार को अपने पति दिलीप मुंडा से मिलने के लिए जेल गई थी। इस दौरान उसका पति से बातचीत हुआ था। दिलीप ने उससे कुछ सामान भी मंगवाया था। काफी देर तक बातचीत करने के बाद वह अपने घर लौटी थी।

रोहित के परिजन से ठगी का प्रयास

जानकारी के अनुसार जेल में रोहित प्रसाद नामक भी एक कैदी बंद है। कुछ दिन पहले उसके परिजनों को भी साइबर ठगों ने फोन किया था। उनसे भी ठगों ने रोहित के घायल होने की जानकारी दी थी और दस हजार रुपए ट्रांसफर करने को कहा था। परिजनों ने ठग से कहा कि वह जेल प्रशासन से बात करने के बाद उसे राशि देगा। जब परिजनों ने जेल प्रशासन से संपर्क किया तो ठगों की बात पूरी तरह से झूठ निकली।