छठी जेपीएससी विवाद: हाईकोर्ट में हुई मामले की सुनवाई, नियुक्ति पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार

राँची। छठी जेपीएससी परीक्षा में कई अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका पर झारखण्ड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने छठी जेपीएससी की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।साथ ही उन्होंने राज्य सरकार और जेपीएससी को मामले में विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश से रिजल्ट प्रभावित होगा।

क्या है मामला

अभिषेक मनीष सिंहा ने जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि कट ऑफ मार्क्स से अधिक नंबर लाने के बाद भी उनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है। उनकी ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन और नेहा भारद्वाज ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा। बता दें कि अभिषेक मनी सिन्हा ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि सामान्य कोटि में 600 अंक वाले को चयनित किया गया, जबकि उन्हें 601 अंक लाने पर भी चयनित नहीं किया गया है।
वहीं, परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सफल नहीं होने वाले कैंडिडेट्स ने पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया था। इधर, सफल कैंडिडेट्स काे भी मामले में निर्णय का इंतजार है।क्योंकि ये ऐसे कैंडिडेट्स हैं जो सफल हो गए हैं, लेकिन ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला है। ऐसे में सफल कैंडिडेट्स भी मामले का पटाक्षेप जल्द चाहते हैं ताकि उनका समय अब और बर्बाद ना हो। वहीं, असफल कैंडिडेट्स परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करते रहे हैं।