CoronaVirus : रांची में कोरोना वायरस की दूसरी संदिग्ध मरीज मिली, रिम्स ने दोनों के ब्लड सैम्पल पुणे भेजा जांच के लिए

रांची : चीन में पढ़ाई करने वाली रांची की छात्रा का शुक्रवार को रिम्स में कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिया गया. छात्रा कांके की रहने वाली है. शुक्रवार को रांची पहुंचने पर छात्रा को रिम्स लाया गया. रिम्स में उसे डॉ बिंदे कुमार की देखरेख में भर्ती किया गया. आइसोलेशन वार्ड में छात्रा के गला से स्वाब लिया गया. इसके अलावा ब्लड की जांच के लिए भी सैंपल लिया गया. दोनों सैंपल को जांच के लिए पुणे भेजा गया. इससे पहले गुरुवार को भी कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मरीज मिला था । जो रांची के हेहल के बजरा मुहल्ले का रहने वाला है. 29 साल का यह मरीज चीन के शंघाई में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है. बीते 24 जनवरी को वह चीन से दिल्ली आया था. दिल्ली से वह बुधवार को रांची पहुंचा. स्टेट आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) सेल के डॉ प्रवीण कुमार कर्ण ने इस मरीज को रिम्स के आयसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया. हालांकि भर्ती होने के कुछ देर बाद ही वह डॉक्टरों के मना करने के वाबजूद घर लौट गया.

दोनो मरीजों के ब्लड सैम्पल पुणे भेजा गया

रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि दोनों मरीजों के खून का नमूना लेकर जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान को भेजा गया है. जांच रिपोर्ट अगले दो दिन में मिलने की उम्मीद है. वैसे मरीजों को सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं है. ऐसे में उन्‍हें घर जाने दिया गया है. रिम्‍स प्रशासन दोनों पर नजर बनाये हुए है.

कोरोना वायरस की एंट्री भारत में भी हो चुकी है

बतादें कि घातक नोवल कोरोना वायरस की एंट्री भारत में भी हो चुकी है. केरल में एक छात्रा के कोरोना वायरस से प्रभावित होने का मामला सामने आया है. ये छात्रा चीन से लौटकर आई है. वैसे चीन में इससे अब तक 170 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 7000 से ऊपर बीमार हैं.

सभी जिलों को अलर्ट जारी

सभी जिले तथा स्वास्थ्य संस्थानों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर एलर्ट किया गया है. समाचार पत्रों एवं मीडिया की खबरों पर भी नजर रखी जा रही है. इससे पहले 24 जनवरी को विभाग ने ई-मेल के जरिए सभी जिलों को केंद्र सरकार से मिल रही जानकारी साझा की है.

क्या हैं इसके लक्षण

नोवल कोरोना वायरस-2019 के लक्षण शुरू में बहुत सामान्य होते हैं. बाद में एक झटके में लक्षण जाहिर करता है. शुरुआती संकेत सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक है. ये भी ध्यान रखें कि कोरोना वायरस परिवार के ज्यादातर वायरस नुकसानदायक नहीं होते हैं. अगर कोई सामान्य कोरोना वायरस की चपेट में आता है तो तीन दिन से लेकर एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन इस परिवार में छह सदस्य ऐसे रहे हैं, जिन्हें जानलेवा कहा जाता है. अब नोवल कोरोना वायरस 2019 इस परिवार का सातवां घातक सदस्य है. इन्हीं घातक वायरस से सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) जैसी बीमारियां फैली हैं. अब ये नई बीमारी फैल रही है.