कोयला कारोबारी की हत्या मामला:उग्रवादियों या अपराधियों ने गोलियों से भूना,पुलिस जांच में जुटी है ,24 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से अपराधी दूर,घटना के तुंरत बाद जिले में सघन चैकिंग,फिर भी कहाँ गुम हो गया स्कॉर्पियो….सीसीटीवी में कैद….

 

राँची।राजधनी राँची में रंगदारी नहीं देने पर कोयला कारोबारी अभिषेक श्रीवास्तव की दिनदहाड़े अपराधियों ने फिल्मी अंदाज में गोलीबारी कर हत्या कर दी। 5 की संख्या में टीपीसी उग्रवादियों/अपराधियों ने उनकी गाड़ी में सामने से ताबड़तोड़ फायरिंग की। उग्रवादियों ने करीब एक दर्जन गोलियां चलाईं, जिसमें 7 गोलियां अभिषेक को लगी। 7 गोलियां अभिषेक की छाती, गर्दन और हाथ में लगीं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।मौके से पुलिस ने कई खोखे बरामद किए हैं।खबर के मुताबिकअभिषेक से पिछले कुछ दिनों से टीपीसी के उग्रवादी रंगदारी मांग रहे थे और उन्हें धमकी दे रहे थे। कारोबारी ने अपनी सुरक्षा के लिए 4 बॉडीगॉर्ड भी रखे थे लेकिन गुरूवार को वो अकेले ही घर से निकले थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि जेल में बंद टीपीसी के जोनल कमांडर भीखन गंझू के इशारे पर उग्रवादी इरफान अंसारी ग्रुप ने अभिषेक श्रीवास्तव की हत्या की है।हालांकि पुलिस अन्य विंदुओं पर भी जांच कर रही है।अभिषेक मूल रूप से बिहार के छपरा के रहने वाले थे। वे पिपरवार के बचरा साइडिंग में कोयले का कारोबार करते थे।

बता दें गुरुवार सुबह करीब 10.15 बजे रातू थाना क्षेत्र के पिर्रा स्थित आस्थापुरम में घटना को अंजाम दिया गया। अभिषेक सुबह सवा दस बजे के करीब ही घर से फॉर्च्यूनर गाड़ी पर निकले थे। करीब ढाई सौ मीटर आगे विपरीत दिशा से सफेद रंग की महाराष्ट्र नम्बर की सफेद रंग की स्कॉर्पियो ने फिल्मी अंदाज में आकर रास्ता रोक लिया। जबतक अभिषेक कुछ समझ पाते करीब 4 अपराधी मंकी कैप पहने स्कॉर्पियो से उतरा और सामने से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो चार लोग स्कॉर्पियो से बाहर निकले, जबकि एक ड्राइविंग सीट पर बैठा रहा। उन्होंने पिस्टल से अंधाधुंध गोलियां चलाईं।गोलीबारी के बाद स्कॉर्पियो को फिल्मी अंदाज में बैक किया औऱ उसमे बैठकर सभी अपराधी भाग निकला।

अपराधी स्कॉर्पियो से भागते हुए

कहाँ गायब हो गया अपराधियों का स्कॉर्पियो गाड़ी ! 24 घंटे बाद भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर..

बता दें घटना हुए 24 घण्टे बीत गए लेकिन राँची पुलिस ने ना अभीतक किसी अपराधी को पकड़ा है ना उस स्कॉर्पियो की तलाश कर सका जिससे हथियार से लेश अपराधी हत्या करने पहुँचा था।पुलिस ने घटना के बाद दाबा किया था की हत्या की घटना को अंजाम देने वालों की पहचान हो गई लेकिन 24 घंटे बाद भी पुलिस को कुछ नहीं मिला है।घटना के तुरंत बाद एसएसपी के निर्देश पर जिले के हर बाहर जाने वाले रास्तों में सघन जांच अभियान चलाया गया लेकिन उस गाड़ी का पता ही नहीं लगा सकी पुलिस।आखिर अपराधियों ने गाड़ी कहाँ छुपा दिया या जिले से बाहर निकल गया।हालांकि राँची पुलिस की कई टीमें रातभर एक दर्जन से ज्यादा इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है।देखिये कबतक पुलिस को सफलता मिलती है।

 

बताया जाता है कि 29 दिसंबर को ही पिपरवार थाने की पुलिस ने टीपीसी के एरिया कमांडर नीरज गंझू उर्फ जयमंगल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद से अभिषेक को धमकी भरा कॉल आना बंद हो गया था। इसके 6 दिन बाद ही यह घटना हो गई। आशंका जताई जा रही है कि टीपीसी ने बदले की कार्रवाई की है। फिलहाल टीपीसी की ओर से किसी ने जिम्मेवारी नहीं ली है।

अभिषेक ने रखे थे 4 निजी बॉडीगार्ड, फोन आया तो अकेले निकले

अभिषेक श्रीवास्तव ने अपनी सुरक्षा के लिए 4 निजी बॉडीगार्ड रखे थे। हालांकि, गुरुवार को वह अकेले ही अपनी कार से निकले थे। अभिषेक के मोबाइल पर किसी व्यक्ति का फोन आया था, जिससे चंद मिनट बात की। इसके बाद पत्नी से थोड़ी देर में वापस घर आने की बात कह अकेले ही कार पर सवार होकर निकल गए। घर से ढाई सौ मीटर दूर जाते ही अपराधियों ने हमला कर दिया।

हालांकि,उनके पड़ोसी तुरंत अभिषेक को उनकी ही गाड़ी से लेकर मेडिका अस्पताल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कोयला कारोबारी की हत्या की जानकारी मिलने के बाद सिटी एसपी राजकुमार मेहता मेडिका अस्पताल पहुंचे। पूरे मामले की जानकारी ली। फॉरेंसिक जांच के लिए अभिषेक की फॉर्च्यूनर गाड़ी को सिटी एसपी के निर्देश पर मेडिका अस्पताल में ही रखा गया है।

इधर छोटे भाई विवेक के लिखित बयान पर रातू थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि कोयला कारोबारी सुदेश केडिया का पूरा काम अभिषेक श्रीवास्तव अपने छोटे भाई विवेक श्रीवास्तव के साथ मिलकर देखते थे। जानकारी मिलने के बाद मेडिका पहुंचे अभिषेक के दोस्तों ने बताया कि दोनों भाई हमेशा साथ रहते थे। हालांकि, एक मुंडन समारोह में शामिल होने के लिए एक दिन पहले ही विवेक बिहार के छपरा स्थित पैतृक गांव गए थे। ऐसे में अभिषेक खुद से गाड़ी चलाकर घर से निकले थे। इसी बीच अपराधियों ने उन्हें टारगेट कर हत्या कर दी। विवेक देर शाम राँची पहुंचे।

SSP बोले-रंगदारी मांगने की पिपरवार में हुई थी FIR, थानेदार का इनकार

एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि अभिषेक या उसके परिवार के किसी सदस्य ने राँची के किसी थाने में रंगदारी मांगे जाने की जानकारी नहीं दी थी। हालांकि, चतरा के पिपरवार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसपर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी। एसएसपी ने कहा कि अपराधियों ने गोली मारी है या उग्रवादियों ने, इसकी जांच की जा रही है।वहीं, पिपरवार थानेदार गोविंद कुमार ने कहा कि रंगदारी मांगने के संबंध में अभिषेक या उसके परिवार के सदस्यों ने कोई केस दर्ज नहीं कराया था।

माता-पिता का हो चुका है देहांत, घर में हैं पत्नी व 5 साल की बच्ची

अभिषेक के माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। एक बहन और छोटे भाई की भी शादी हो चुकी है। दोनों भाई एक साथ रातू स्थित पिर्रा में रहते थे और कोयला का कारोबार करते थे। अभिषेक की पत्नी और एक 5 साल की बच्ची भी है। देर शाम तक अभिषेक को गोली लगने की जानकारी उनकी पत्नी को दी गई थी, लेकिन मौत होने की बात नहीं कही गई थी। गोली लगने की जानकारी मिलने के बाद से पत्नी समेत पूरा परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।