चतरा:अफीम कारोबार पर नकेल कसेगी चतरा पुलिस,ड्रोन से पता लगाएगी कहाँ हो रही अफीम की खेती,सीएम ने अफीम की खेती के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान का किए शुरुआत

चतरा।झारखण्ड के चतरा जिले में अफीम कारोबार पर नकेल कसेगी चतरा पुलिस।इसके लिए पुलिस जिला प्रशासन की मदद से अत्याधुनिक ड्रोन कैमरे से अफीम के खेतों पर नजर रख रही है।गौरतलब है अफीम माफियाओं के द्वारा पुलिस से बचने के लिए जंगल की जमीन को साफ कर उस पर अफीम की खेती की जाती है। जंगल होने की वजह से इस पर नजर रखना संभव नहीं हो पाता है।ऐसे चतरा पुलिस जिला प्रशासन की मदद से ड्रोन से इन अफीम की खेत पर नजर रख रही है।शुक्रवार को सीएम हेमंत के चतरा दौरे के अवसर पर चतरा पुलिस ने अवैध अफीम की खेती और इसके दुष्परिणामों के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान की शुरुआत की. सीएम ने बैनर और पोस्टर की श्रृंखला का शुभारंभ किया जो जिला प्रशासन की मदद से प्रत्येक गांव में लगाया जाएगा। इन बैनरों में विभिन्न लक्षित समूहों के लिए विभिन्न प्रकार के संदेश हैं।

सीएम ने कहा कि चतरा समेत कई जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से अफीम की खेती होती है. इसे रोकने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं. अफीम की बजाय मेडिसिनल प्लांट्स आदि की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे लोगों की आमदनी में काफी इजाफा होगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी लोग अफीम की खेती से जुड़े होंगे, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जाने क्या है अफीम के कुप्रभाव

गर्भवती महिलाओं पर अफीम के कुप्रभाव से नवजात शिशुओं में विकास अवरुद्ध होने की संभावना 69% तक बढ़ जाती है. अक्सर जंगल की जमीन साफ कर उगाए जाने वाली अफीम के वन कटाई और मिट्टी के कटाव जैसे प्राकृतिक कुप्रभाव देखे गए हैं।गर्भवती महिलाओं पर अफीम के कुप्रभाव से नवजात शिशुओं के सर का आकार छोटा होने की संभावना 2.2 गुना तक बढ़ जाती है।

अफीम कारोबार के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई:

जिले के एसपी राकेश रंजन ने कहा कि किसी भी कीमत पर जिले में अफीम का कारोबार फलने फूलने नहीं दिया जाएगा. इस धंधे में शामिल लोगों को चिन्हित कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि एनडीपीएस एक्ट मामले में एक बार से ज्यादा पकड़ाने पर मृत्यु दंड की सजा भी दी सकती है. अफीम की खेती पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से ड्रोन के माध्यम से अफीम की खेती पर नजर रखी जा रही है।