BREAKING:आयरन हैंड से चर्चित आईपीएस अधिकारी एमवी राव लेंगे वीआरएस,अब करेंगे खेती,कल ही डीजीपी पद से हटाए गए थे.

राँची।झारखण्ड के बहुचर्चित आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी एमवी राव वीआरएस लेंगे।एक न्यूज पोर्टल द फॉलोअप के पत्रकार सनी शारद से ख़ास बातचीत में एमवी राव ने इसकी पुष्टि की है।बातचीत में उन्होंने कहा कि वे अब जीवन में सुकून से समय बिताना चाहते हैं और वीआरएस लेने के बाद वे खेती करना चाहेंगे।

सोमवार को ले सकते हैं वीआरएस

पत्रकार सनी शारद से मिली जानकारी के अनुसार आईपीएस अधिकारी एमवी राव सोमवार को वीआरएस ले सकते हैं। क्यूंकि शनिवार और रविवार सरकारी छुट्टी है। सोमवार को वह विभाग जाकर इसकी प्रक्रिया पूरी करेंगे।

गुरुवार को एमवी राव को प्रभारी डीजीपी के पद से हटाया गया था

गुरुवार देर शाम गृह विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई जिसके अनुसार 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी नीरज सिन्हा को झारखण्ड का नया डीजीपी बनाया गया। शुक्रवार को एमवी राव ने नीरज सिन्हा को डीजीपी के पद पर पदभार ग्रहण करवाया। पदभार ग्रहण करवाने के बाद डीजीपी एमवी राव पुलिस मुख्यालय से निकलकर अग्निशमन विभाग में आ गए थे।

ट्विटर प्रोफाइल से हटा लिया सभी पद

एमवी राव अभी भी अग्निशमन विभाग के डीजी हैं लेकिन नीरज सिन्हा को पदभार ग्रहण करवाने के तुरंत बाद उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट में लिखे हुए सभी पदों को हटा लिया है। ट्विटर से पद हटाने के बाद ही पुलिस विभाग में यह चर्चा का विषय बन गया था कि एमवी राव कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।

सितम्बर महीने में रिटायर होने वाले हैं एमवी राव

1987 बैच के आईपीएस अधिकारी एमवी राव सितम्बर महीने में रिटायर होने वाले हैं। लेकिन अपने रिटायरमेंट से 6 महीने पहले ही वे वीआरएस लेने का मन बना चुके हैं।

इंटरव्यू में भावुक हुए पूर्व डीजीपी एमवी राव, बोले :

●पिछले करीब एक साल के समय में जितना जहरीला वातावरण देखा, वो हैरत अंगेज और कष्टदायक है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और हत्याओं का राजनीतिकरण किया जा रहा है।

●किसान का बेटा रहा हूं। माता-पिता के दिये संस्कारों का काफी हद तक पालन किया। बड़े भाई ने मुझे पढ़ाने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी, अपने कंधे पर स्कूल ले जाया करते थे। कल ही उनकी बरसी थी, और मैं फास्टिंग में भी था।

●बिहार-झारखण्ड में काम करना सौभाग्य की बात। बिहार, झारखण्ड ही एक मात्र ऐसा राज्य जहां अच्छा काम करने और सही व्यवहार रखने पर कम समय में ही जनता सर आखों ओर बिठा
लेती है।

●बाकी समय डीजीपी पद पर काम नहीं कर पाने का कोई अफसोस नहीं। राज्य का डीजीपी नहीं भी बनता तो कोई बात नहीं थी।