महिला पर्यवेक्षिका के साथ आंगनबाड़ी सेविकाओं ने वित्तीय साक्षरता और डिजिटल लेन देन पर “जादू गिन्नी का” प्रशिक्षण लिया।

रांची। सोमवार को कांके प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय के सभागार में लर्निंग लिंक फाउंडेशन, वोडाफोन इंडिया फाउंडेशन और बाल विकास परियोजना के संजुक्त तत्वाधान में “जादू गिन्नी का” डिजिटल फाइनेंशियल लिटरेसी एवं फाइनेंशियल इंक्लूजन्स पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित की गई। प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के रूप में लर्निंग लिंक फाउंडेशन की ओर से आए हुए श्री शिवेंद्र कुमार मिश्रा ने महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को वित्तीय साक्षरता के तहत आय, व्यय, बचत, कर्ज, बैंकिंग, वित्तीय नियोजन, वित्तीय निवेश, मोबाइल बैंकिंग, बीमा, एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दीए। प्रशिक्षण ले रहे महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को बताया गया कि कैसे वित्तीय डायरी की सहायता से व्यय का विश्लेषण कर अपनी चाहतों को कम कर बचत कर सकते है और बचत को कहां किस प्रकार निवेश करना चाहिये ताकि पैसे से पैसा बना सकते हैं ।

प्रशिक्षण प्राप्त कर वे अपने घर के लोगो को, रिस्तेदारो को, गावँ घर के लोगो को भी इन सारे जानकारी को प्रशिक्षण के माध्यम से अवगत करायेंगे ताकि वे भी वित्तीय साक्षर हो सके, डिजिटल लेन- देन कर सकें और उक्त योजनाओं का लाभ ले सकें।उक्त डिजिटल फाइनेंशियल लिटरेसी प्रशिक्षण “जादू गिन्नी का” में 50 आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं पर्यवेक्षिका को प्रशिक्षण दिया गया। वित्तीय साक्षरता और डिजिटल लेन-देन पर प्रशिक्षण “जादू गिन्नी का” आयोजन से लोगों को मिल रहा वित्तीय प्रबन्धन ओर डिजिटल लेन-देन की जानकारी। वित्तीय समावेशन (फाइनेंशयल इन्क्लूजन) उदेश्य समाज के पिछड़े एवं कम आय वाले लोगों को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना है। इसके साथ ही ये सेवाएँ उन लोगों को वहन करने योग्य मूल्य पर मिलनी चाहिए। कुछ प्रमुख वित्तीय सेवाएं हैं – ऋण, भुगतान और धनप्रेषण सुविधाएं और मुख्यधारा के संस्थागत खिलाड़ियों द्वारा उचित और पारदर्शी ढंग से वहनीय लागत पर बीमा सेवा।