रामगढ़:सीसीएल के रजरप्पा परियोजना में महिला इंजीनियर शिवानी मीणा ने योगदान दी,पहली महिला इंजीनियर हैं,जो खुली खदान में कार्य करेंगी

रामगढ़।झारखण्ड के सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र में शिवानी मीणा ने सीसीएल के रजरप्पा क्षेत्र की मेकेनाइज्‍ड खुली खदान (रजरप्‍पा परियोजना) में शुक्रवार को योगदान दिया। शिवानी एक्‍सकवेशन (उत्खनन) कैडर की पहली महिला इंजीनियर हैं, जो खुली खदान में कार्य करेंगी। उन्‍हें भारी मशीनों (एचइएमएम) के रख-रखाव एवं मरम्‍मत की जिम्‍मेदारी दी गई है। शिवानी ने आईआईटी जोधपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। सीसीएल प्रबंधन ने कहा कि शिवानी ने कोयला जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर उदहारण प्रस्तुत किया है।

भूमिगत खदान के बाद अब खुली खदान में महिला इंजीनियर के योगदान से कोयला खनन में महिला सशक्तिकरण को संबल मिला है। भारत सरकार द्वारा खनन क्षेत्र में प्रदान किए गए अवसर का समुचित लाभ लेते हुए इन महिलाओं ने न सिर्फ उम्मीदों का एक नया द्वार खोला है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सीसीएल की चूरी भूमिगत खदान में आकांक्षा कुमारी ने एक माइनिंग इंजीनियर के रूप में योगदान दिया था। आकांक्षा कोल इंडिया के इतिहास में भूमिगत खदान में योगदान देनवाली पहली महिला इंजीनियर बनी थीं। कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ सीएमडी सीसीएल पीएम प्रसाद और सभी निदेशकगण ने शिवानी को उनके उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए शुभकामनाएं एवं बधाई दी है। महिला एवं बाल कल्‍याण मंत्री स्‍म़ृति ईरानी ने भी शिवानी की इस उपलब्धि की सराहना की है।

शिवानी से पहले महिला इंजीनियरों को रिपेयर शॉप, एरिया ऑफिस या मुख्यालय में पदस्थापित किया जाता था। शिवानी ने इस ट्रेंड को बदल दिया है। वह सीसीएल की खदानों में लगी मशीनों की देखरेख के साथ खरीद के लिए क्षेत्र में घूम-घूमकर काम करेंगी। राजस्थान की रहने वाली शिवानी शुरू से ही एक मेधावी छात्रा रही है और इंजीनियरिंग के प्रति उनकी रुचि और झुकाव शुरू से ही रही है। इनकी सफलता के पीछे उनके माता-पिता का कुशल मार्गदर्शन और प्रोत्‍साहन रहा है। सीसीएल प्रबंधन ने कहा कि शिवानी के पदस्थापन से देश के कोयला खनन उद्योग के इतिहास में एक नया अध्‍याय खुला। एक महिला कर्मी ने एक चुनौतीपूर्ण भूमिका में पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज की। यह निश्‍चय ही दीर्घकालीन समय में एक नई दिशा देने वाला है।