झारखण्ड जगुआर कैम्प राँची:नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को दी गई श्रद्धांजलि

राँची।झारखण्ड के लातेहार जिले में मंगलवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को बुधवार को श्रद्धांजलि दी गई।मंगलवार को लातेहार जिले में उग्रवादियों के साथ हुए मुठभेड़ में वीरता का अदम्य साहस दिखाते हुए शहीद होने वाले डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को टेंडर ग्राम स्थित झारखण्ड जगुआर कैंप में श्रद्धांजलि दी गई।सीएम हेमंत सोरेन,राँची सांसद संजय सेठ, डीजीपी,मुख्य सचिव समेत कई प्रसाशनिक अधिकारी एवं वरीय पुलिस अधिकारियों ने राजेश कुमार को श्रद्धांजलि दी है।वहीं शहीद राजेश कुमार के परिवार वालों से मुख्यमंत्री ने मिलकर सांत्वना दी है।इधर शहीद डिप्टी कमांडेंट का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मुंगेर भेजने की तैयारी चल रही है।

जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के साथ हुई थी मुठभेड़

लातेहार के सलैया जंगल में सुरक्षाबल और जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के बीच मुठभेड़ हुई थी।जिसमें डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को गोली लगी थी. घायल डिप्टी कमांडेंट हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर राँची लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले हैं।

STF में एसॉल्ट ग्रुप 35 का नेतृत्व राजेश कुमार की ओर से किया जाता था

झारखण्ड पुलिस में नक्सल अभियान में तेजी लाने के उदेश्य से बीएसएफ और सीआरपीएफ से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होती है बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को राज्य पुलिस की नक्सल विरोधी बल एसटीएफ (झारखण्ड जगुआर) में 7 सितंबर 2018 को प्रतिनियुक्ति दी गई थी। एसटीएफ में एसॉल्ट ग्रुप 35 का नेतृत्व राजेश कुमार की ओर से किया जाता था. मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिला के लाल दरवाजा निवासी राजेश कुमार ने 12 नवंबर 2007 को बीएसएफ में योगदान दिया था. उनकी पैतृक वाहिनी पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर की 84वीं बटालियन थी।राजेश के सहकर्मियों के अनुसार राजेश कुमार तीन साल से झारखण्ड जगुआर में योगदान के बाद कई सफल ऑपरेशन का हिस्सा रह चुके थे। राजेश कुमार ने पूर्व में राज्य के तमाम नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था।