राज्य सरकार वोट बैंक की खातिर जानबूझकर राज्य को सांप्रदायिक दंगे की तरफ धकेलने का काम कर रही है-बाबूलाल मरांडी,पूर्व मुख्यमंत्री

राँची।झारखण्ड में वर्तमान सरकार वोट बैंक की खातिर जानबूझकर राज्य को सांप्रदायिक दंगे की तरफ धकेलने का काम कर रही है। विधि व्यवस्था के सवालों को भी हेमन्त सरकार वोट बैंक तथा तुष्टिकरण के चश्मे से देखती है। यह बातें आज भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कही।श्री मरांडी ने पलामू में दो समुदायों के बीच घटित हिंसात्मक घटना पर बोलते हुए कहा कि पलामू की पांकी में जो घटना घटी है वह बहुत ही शर्मनाक और दर्दनाक है। उन्होंने हेमन्त सोरेन पर उन्माद को बढ़ावा देने तुष्टिकरण नीति को अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पलामू का मामला सामान्य था। शिवरात्रि के मौके पर हमेशा हिन्दू समाज के श्रद्धालु शिव बारात निकालते हैं उसी निमित रास्ते मे तोरण द्वार शिव बारातियों की स्वागत करने के लिए लगाया जाता है।

पांकी में भी श्रद्धालु तोरण द्वार लगाने का काम कर रहे थे। लेकिन अचानक एक समुदाय के लोगों ने उसका विरोध किया और तोरण द्वार लगाने नहीं दिया। यह घटना अचानक घटित नहीं हुई हैं बल्कि सिलसिलेवार और सुनियोजित तरीके से इस तरह की साम्प्रदायिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। सरकार साम्प्रदायिक घटनाओं में शामिल असामाजिक तत्वों को संरक्षण देती है। जो इस राज्य की विकास के लिए उचित नही हैं यह अनुचित है। राज्य ऐसे में अंधेरे गली में भटक जाएगा।उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि कोरोना काल के समय तुष्टिकरण नीति के कारण संप्रदाय विशेष के लोगों को जिसमे अधिकांश बंगलादेशी थे, प्रशासन पर दबाव बनाकर राज्य सरकार के मंत्री ने बसों में भरकर संथाल परगना के विभिन्न जिलों में भेजा। कोरोना काल में राजधानी के खास मुहल्ले में कोरोना वोलेंटियर्स, वारियर्स पर हमले हुए। लोहरदगा में सीएए समर्थन की रैली में पथराव, तोड़फोड़, आगजनी, हिंसा, दुकानों में लूट की घटना को अंजाम दिया गया।

यह सरकार एक विशेष धर्म के लोगों को खुश करने हेतु दुर्गा पूजा में देवी दुर्गा की प्रतिमा को छोटा करने का आदेश तक जारी कर दी थी। विधानसभा में नमाज कक्ष का आवंटन किया जाना। उर्दू विद्यालय घोषित करना तथा विद्यालय प्रार्थना की पद्धति को बदलना। ये सारी घटनाएं एक सुनियोजित तरीके से की जा रही हैं। उन्होंने देवघर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि देवघर में अनावश्यक तनाव पैदा किया जा रहा है। जानबूझकर सरकार सांप्रदायिक तनाव पैदा करने में लगी है। महाशिवरात्रि पर धारा 144 की बात बेतुकी है। सरकार पूरे राज्य को साम्प्रदायिक दंगे में धकेलने का काम कर रही है।

श्री मरांडी ने कहा कि पांकी में धरपकड़ के नाम पर लोगों को तंग करने की खबरें सामने आई है।जांच के नाम पर निर्दोष लोगों को प्रताड़ित करना अत्यंत दुखद है।हमें मानवीय मूल्यों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
नैसर्गिक नियमों का पालन हो इसके लिए सरकार को कानून के हिसाब से काम करना चाहिए।

श्री मरांडी ने कहा कि आज एक समुदाय के लोगों के द्वारा दलितों और आदिवासियों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है।जामताड़ा में दलित की जमीन पर कब्जा किया गया। पलामू में मदरसा की जमीन के नाम पर दलित परिवारों को उजाड़ा गया, आज भी वे दलित परिवार थाना परिसर में रहने को बाध्य है। उन्होंने कहा कि जब से हेमन्त सोरेन की सरकार राज्य में बनी है तब से अपराधियों के मनोबल में वृद्धि हुई है।

संथाल के अमर शहीद सिदो कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या, सिमडेगा में संजू प्रधान की हत्या, हजारीबाग के युवक रूपेश पांडे की हत्या, दुमका में अंकिता की पेट्रोल से जलाकर हत्या, रुबिका पहाड़िया की टुकड़ों टुकड़ों में काटकर चमड़ी उधेड़ दी गई। लेकिन सरकार मौन है। दोषियों के खिलाफ कोई संतोषजनक करवाई नहीं की जा रही है। ऐसा लगता है जैसे सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है।

राजधानी राँची के मेन रोड हिंसा की जांच पर टालमटोल व न्यायालय के आदेश की भी इस राज्य में अवमानना किया जा रहा है। श्री मरांडी ने अपने कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि मेरे समय में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने की हर सम्भव कोशिश की गई थी। किसी भी समुदाय को विधि विरुद्ध कार्य की अनुमति नही थी।