#झारखण्ड के सत्ताधारी दलों पर लागू नहीं होता क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल ! दिल्ली से आकर कैसे घूम रहे हैं नेता ? नियम किसके लिए ?

झारखण्ड के सत्ताधारी दलों पर लागू नहीं होता क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल! दिल्ली से आकर कैसे घूम रहे हैं उमंग सिंघार?

●झारखण्ड में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कोई नई बात नहीं है।आम और खास सब इसे तोड़ने में पीछे नहीं है।

●खासकर के सत्ताधारी नेता।लॉकडाउन के निर्देशों का पालन नहीं करने का एक मामला सत्ताधारी दल कांग्रेस से जुड़ा है वो भी पार्टी के वरिष्ठ नेता से, जो खुलेआम राज्य सरकार के होम क्वॉरेंटाइन के निर्देश का उल्लंघन कर रहे हैं. जिस पर विपक्ष ने सवाल भी उठाए हैं।

राँची। झारखण्ड में कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। हालिया निर्देश 30 जुलाई को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के हवाले से सभी जिला उपायुक्तों को जारी हुआ था।12 बिंदुओं पर आधारित इंटर स्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल में स्पष्ट जिक्र है कि दूसरे राज्य से झारखंड आने वाले लोगों को 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा।कुछ विशेष मामलों को छोड़कर यह व्यवस्था सभी पर लागू होगी। लेकिन राज्य सरकार के इस आदेश का साफ उल्लंघन हो रहा है. मामला सत्ताधारी दल कांग्रेस से जुड़ा है।

प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार झारखंड दौरे पर हैं।

5 अगस्त को सेवा विमान से दिल्ली से राँची पहुंचे।उमंग सिंघार कांग्रेस कार्यालय में दीपोत्सव मना चुके हैं।आज गिरिडीह, बेरमो और धनबाद के दौरे पर हैं।कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने बताया कि उमंग सिंघार पांच दिवसीय दौरे पर आए हैं।अब सवाल है कि क्या कांग्रेसी नेता पर इंटरस्टेट क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल लागू नहीं होता है।आखिर उन्हें राज्य में राजनीतिक गतिविधि चलाने की छूट कैसे मिल गई। इस बाबत राँची के डीसी छवि रंजन से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संभव है कि किसी व्यस्तता के कारण फोन नहीं रिसीव कर सके।बाद में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के उपायुक्त की होती है।हालांकि उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों में छूट का प्रावधान जरूर है लेकिन इस मामले में यह व्यवस्था लागू क्यों नहीं हो पाई या फिर डीसी की तरफ से विशेष छूट दी गई है, इसकी तफ्तीश करने को कहा गया है।

जारी निर्देश

दीपक प्रकाश भी थे होम क्वॉरेंटाइन में

झारखण्ड भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए 22 जुलाई को दिल्ली गए थे।वह 23 जुलाई को सुबह राँची लौट आए थे. लेकिन उन्हें 14 दिन के होम क्वॉरेंटाइन में रहने को कहा गया था. फोन पर हुई बातचीत के दौरान दीपक प्रकाश ने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद ही वह घर से बाहर निकले. उन्होंने कहा कि होम क्वॉरेंटाइन प्रोटोकॉल को लेकर झारखण्ड में क्या कुछ चल रहा है, यह सभी को दिख रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को इस मामले में दी गई छूट के खिलाफ भाजपा के प्रवक्ता अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करेंगे.बाबूलाल मरांडी भी रहे थे होम क्वॉरेंटाइन में प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी 19 जुलाई को दिल्ली से राँची लौटे थे।उन्हें भी होम क्वॉरेंटाइन में रहने को कहा गया था.फोन पर बातचीत के दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देश का पालन करते हुए मैंने 14 दिन की होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी की थी. लेकिन कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को दिल्ली से आने के बाद राँची में होम क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाना बेदह गंभीर मसला है।उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है। लिहाजा, जिला प्रशासन को इसपर जवाब देना चाहिए।

बता दें बिहार के एक आईपीएस अधिकारी को जबरन क्वारेंटाइन मुम्बई में वहीं की सरकार ने कर दिया है।वहाँ भी कांग्रेस समर्थित सरकार है।

झारखण्ड की जनता भी नियमों के बारे में सरकार से जानना चाहती है क्या अलग अलग नियम है या ?

सौजन्य:dnb