फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने मानवीय संवेदनाओं को तार-तार किया,बच्‍चे के शव को लेकर जा रहे लोगों को पीटा,गाड़ी सीज करने के नाम पर की गुंडागर्दी…

धनबाद।झारखण्ड में फिर दिखा फाइनेंस कम्पनी के गुर्गों की गुंडागर्दी।वाहन सीज करने के नाम पर सिपाही और उनके परिजनों को पीटा।इस बार भी मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया।यह मामला धनबाद जिले के गोविंदपुर के रतनपुर में शनिवार को देखा गया। यहां फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने जीटी रोड पर रात करीब आठ बजे उत्पात मचाया। बदमाशों ने पहले बच्चे की लाश लेकर कृष्णाकनाली निरसा जा रही कार को रोक लिया और फिर इसमें सवार सिपाही समेत परिवार की महिलाओं व पुरुषों को पीटा। इनका कहना था कि फाइनेंस करवाकर गाड़ी ली है, लाश लेकर उतर जाओ, गाड़ी नहीं ले जाने देंगे। इस बीच स्थानीय लोगों की सूचना पर गोविंदपुर थाने की पुलिस पहुंची व फाइनेंस कर्मी के एक गुर्गे डबलू मलिक को पकड़कर थाने ले गई।

दरअसल, सुनीता मंडल एवं सीमांत मंडल परिजनों के साथ कार से अपने बच्चे की लाश राँची से निरसा के कृष्णाकनाली गांव ले जा रहे थे।जब कार रतनपुर पहुंची तो वहां फाइनेंस कंपनी के गुर्गे डबलू उर्फ अमन व उसके साथ के कई लोगों ने कार रोक ली और उसके कागज मांगे। जब उन्होंने कागज नहीं दिए तो बदमाशों ने सुनीता मंडल, सीमांत मंडल, बच्चे के मामा धनंजय मंडल, मौसी नमिता देवी एवं चाचा सुखेन मंडल को पीटना शुरू कर दिया। इन गुर्गों का कहना था कि गाड़ी फाइनेंस की है। किस्त नहीं दी है इसलिए इसे नहीं ले जाने देंगे।

बच्‍चे की लाश को देख भी बदमाशों का नहीं पसीजा दिल

सुनीता ने कहा कि गाड़ी फाइनेंस से नहीं ली है। हमारी अपनी गाड़ी है। अभी जाने दें, हम बहुत दुखी हैं। मगर कोई नहीं पसीजा, परिजन रोते रहे, लेकिन उन्‍हें कार से उतार दिया गया। तब सुनीता ने वहां से गुजर रहे लोगों से गुहार की कि बचा लें। बच्चे की लाश लेकर घर जा रहे हैं। यह देख आसपास के ग्रामीण जुटे और पुलिस को सूचना दी। गोविंदपुर थाने में चाचा ने शिकायत की।

पीड़ितों का आरोप पुलिस ने पहले लिया गुर्गों का पक्ष

बताया कि धनबाद जिला पुलिस बल में आरक्षी हैं। अपना परिचय पत्र भी दिखाया, मगर बदमाशों ने नहीं बख्शा। उनका पर्स भी पीटकर छीन लिया। इसमें आवश्यक कागज व कुछ रुपये थे। बताया कि 35 दिन पूर्व गोविंदपुर हीलमेक्स अस्पताल में भाभी को बच्चा हुआ था। वह कमजोर था इसलिए इलाज को राँची में भर्ती कराया था। वहां उसकी मौत हो गई थी। शव लेकर लौट रहे थे। इधर परिजनों का आरोप है कि पुलिस शुरुआत में इन गुर्गों का ही पक्ष ले रही थी।