कोरोना का कहर:कोरोना से बिहार के सिवान के पूर्व सांसद बाहुबली मो.शहाबुद्दीन की मौत की खबर,तिहाड़ जेल खोलेगा राज,सही या गलत ! जेल प्रशासन ने कहा-अफवाह है !

झारखण्ड न्यूज,राँची।बिहार के सीवान के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना से शनिवार मौत हो गयी।ये खबर बड़ी तेजी से सोशल मीडिया में चलने लगी है लेकिन कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।बताया जा रहा है कि वर्षों से जेल में बंद 21 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुई थे मोहम्मद शहाबुद्दीन।दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होने ली अंतिम सांस।कई मामलों में सजा काट रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद थे। पिछले सप्ताह उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दिल्ली के पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।वहीं मौत की ख़बर पर सस्पेंस बना हुआ है।अभीतक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

इधर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण शहाबुद्दीन के निधन की खबर का तिहाड़ जेल प्रशासन ने खंडन किया है। हत्या के मामले में सजायाफ्ता बिहार का बाहुबली शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही बंद है. जेल प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि शहाबुद्दीन की तबीयत खराब है.

तिहाड़ जेल के डीजी ने शहाबुद्दीन के निधन की खबर का खंडन किया है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रहीं इससे संबंधित खबरें कोरी अफवाह हैं. जेल प्रशासन के मुताबिक शहाबुद्दीन की हालत गंभीर है लेकिन अभी उपचार चल रहा है. पूर्व सांसद का दिल्ली के ही दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में उपचार चल रहा है. कोरोना संक्रमित शहाबुद्दीन के स्वास्थ्य पर डॉक्टर नजर रख रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले पिछले साल सितंबर में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह (90 वर्ष) का निधन हो गया था।उस वक्तर तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद को पैरोल पर लाने की मंजूरी नहीं मिल पाई थी।हत्या और कई संगीन जुर्म के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे है। 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था।

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को अलग बैरक में रखा जाता था

तिहाड़ जेल में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को अलग बैरक में रखा जाता था।उस बैरक में शहाबुद्दीन के अलावा कोई दूसरा कैदी नहीं रहता था।तिहाड़ में तीन ऐसे कैदी (शहाबुद्दीन, छोटा राजन और नीरज बवाना) हैं जिनको अलग-अलग बैरकों में अकेला रखा गया है. इन तीनों को किसी से मिलने- जुलने की परमिशन नहीं दी जाती है. पिछले लगभग 1 महीनों से इनके परिजनों को भी मिलने की इजाजत नहीं दिया जा रहा था।