Ranchi:सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वार्ता शुरू,37 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन खत्म करने को लेकर हो रही वार्ता

राँची। राजधानी राँची में 27 सितंबर से मोरहाबादी मैदान में धरना पर बैठे सहायक पुलिसकर्मी को वार्ता के लिए बुलाया गया है।मंगलवार को सहायक पुलिसकर्मियों के एक दल को वार्ता के लिए बुलाया गया है,राँची एसएसपी के ऑफिस में सहायक पुलिसकर्मी, एडिशनल होम सेक्रेट्री, आइजी अखिलेश झा, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, सिटी एसपी सौरभ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है।जिसमें आंदोलन खत्म करने को लेकर वार्ता चल रही है. अगर वार्ता का कोई सार्थक परिणाम सामने आता है, तब सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास के घेराव करने की अपनी रणनीति पर फिर से विचार करेंगे

पिछले 37 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे है:

पिछले 37 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना पर 2200 सहायक पुलिसकर्मी बैठे है. मंगलवार को 2260 पुलिसकर्मी एक साथ सीएम आवास घेरने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उन्हें वार्ता के लिए बुलाया गया है. वहीं दूसरी तरफ उन्हें सीएम आवास जाने से रोकने के लिए पूरे मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.

सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी:

वर्ष 2017 में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अधिसूचना के आधार पर 12 अतिनक्सल प्रभावित जिलों के लिए कुल 2500 झारखण्ड सहायक पुलिस की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई थी. इसकी एवज में 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया गया था. इसके साथ ही नियुक्ति के समय कहा गया था कि 3 वर्ष पूरे होने के बाद झारखण्ड पुलिस के पद पर सीधी नियुक्ति की जाएगी. लेकिन अब तक इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाया गया है. ऐसे में झारखण्ड सहायक पुलिस के लगभग 2200 सौ कर्मी 12 जिलों से इस आंदोलन में शामिल हुए हैं. इन जिलों में गढ़वा, पलामू, लातेहार,च तरा, दुमका, लोहरदगा, गिरिडीह, चाईबासा, जमशेदपुर, खूंटी, सिमडेगा और गुमला के सहायक पुलिसकर्मी शामिल हैं।

पिछले साल भी 12 दिन चला था आंदोलन:

स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 जिलों के 2200 सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर, 2020 से रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था. 12 दिनों तक चला आंदोलन मंत्री के आश्वासन के बाद खत्म हुआ था. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से घंटों हुई वार्ता के बाद सहायक पुलिस कर्मियों ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया था. उन्हें 2 साल का अवधि विस्तार दिया गया था।